शाकेब रिज़वी,देहरादून : Hookah कुछ समय पहले बुर्जुगों के लिए नशे का साधन था। फिर समय बीतने के साथ यह धीरे-धीरे गायब होने लगा। लेकिन एक बार फिर हुक्का के चलन की जोरदार वापसी हुई है। इस हुक्के की लत की चपेट में अब बुर्जुग नहीं बल्कि हमारी युवा पीढ़ी आ चुकी है। जगह-जगह Hookah Bar खुलने लगे हैं, युवा पीढ़ी हुक्का को स्टेटस सिम्बल मानकर तो कहीं रिंग बनाने की होड़ में इसका लुफ्त ले रही है। मार्केट, बार और रेस्ट्रोरेंट में मिल रहे हुक्का को फ्लेवर और हर्बल समझ युवा पीढ़ी धुंए के बीच डुबती जा रही है। लेकिन उन्हें पता नहीं कि वो हर कश में जह़र अपने शरीर में खींच रहे हैं।
राजधानी में बढ़ रहा हुक्के का ट्रेंड
देहरादून में हुक्का बार और रेस्ट्रा का ट्रेंड काफी बढ़ता जा रहा है। कई बार और रेस्ट्रोरेंट में हुक्का पीने की व्यवस्था अवैध रुप से की जा रही है। 200-300 रुपये की बेहद मामूली शुरुआती कीमत से देकर खासतौर पर युवाओं को इंट्री मिल जाती है। कई प्रतिष्ठित स्कूलों के छात्र-छात्राएं हुक्का के कश लेते हुए मदहोशी में बैठे मिल रहे हैं। पूर्व में पुलिस ने कई स्थानों पर संचालकों द्वारा कैफे/रेस्टोरेंट की आड़ में लोगो को अवैध रूप से हुक्का पिलाये जाने पर हुक्का बार /रेस्टोरेंट/क्लब संचालकों के खिलाफ पुलिस ने शहर के वीवाईपी क्षेत्र में छापेमारी की थी। अवैध रूप से हुक्का पिलाने पर 11 हुक्का बार/ रेस्टोरेंट संचालको के खिलाफ पुलिस एक्ट में की गई कार्यवाही, रेस्टोरेंट/क्लब संचालकों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया था| साथ ही उक्त स्थानों से बरामद सामग्री को कब्जे पुलिस में लेकर सीज किया गया था| इससे पहले भी शहर में कई जगहों पर पुलिस ने अचानक छापेमारी कर अवैध रुप से हुक्का संचालन पकड़े, जिसमें ज्यादातर युवा ही हुक्का गुड़गुड़ाते मिले। लेकिन ये अक्सर भाग निकलते हैं। वहीं ज्यादातर के नाबालिग होने के चलते इनके खिलाफ भी प्रशासन कोई बड़ी कार्रवाई करने से बचता है।
स्टेटस सिम्बल बन रहा हुक्का
युवाओं के बीच हुक्का स्टेटस सिंबल का रुप लेता जा रहा है। देहरादून में पब बढ़ते जा रहे हैं और रेस्ट्रोरेंट भी पब का रुप लेते जा रहे हैं। यहां होने वाली पार्टियों में हुक्के की मांग युवाओं की प्राथमिकता में शामिल होता जा रहा है। वहीं अच्छी जगहों पर हुक्का सर्व करना पब और रेस्ट्रोरेंट मालिकों के लिए मोटी कमाई का साधन बन चुका है, जिसके चलते नियमों की जमकर अंदेखी की जा रही है।
हुक्का से हेल्थ के लिए साइड इफ़ेक्ट –
हुक्का के एक कश से हजारों खतरनाक रसायन
फ्लेवर और हर्बल होने के नाम पर हुक्का गुड़गुड़ा रहे युवाओं को पता नहीं है कि इसके एक कश के साथ हजारों खतरनाक रसायन अपने अंदर खींच रहे हैं। हुक्का कोयले से जलाया जाता है। साथ ही इसमें मैलेशिश (शीरा) का प्रयोग होता है। डॉक्टरों का मानना है कि हुक्का में अमोनिया, मेथोनॉल, एसीटोन, नैफ्थेलैमिन, पाइरीन, केडमियम, डाई मैथिल, नाइट्रो सैमीन, कार्बन डाइमोनोआक्साइड, नफ्थैलीन, जैसे कई रासायन बनते हैं और यह सीधे शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं। जो कि शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक होते हैं।
बीमारियों की वज़ह बन सकता है हुक्का
हुक्का सीगरेट से भी घातक होता है। क्योंकि हु्क्के की तंबाकु का निकोटिन सीधे शरीर में जाता है। हुक्के से कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा होता है। इसके साथ ही हार्ट से जुड़ी परेशानी, टीबी, नपुंसकता की संभावना काफी ज्यादा होती है।
फ्लेवर की डिमांड
हुक्का मार्केट में कई फ्लेवर में आसानी से उपलब्ध है। इसमें मिंट, स्ट्राबेरी, काफी, अलादीन, हपलपफ, कोला, पाइन एपल, चाकलेट, एप्रीकोट जैस कई फ्लेवर शामिल हैं। लेकिन इन्हें भी तैयार करने के लिए कई रसायनों का इस्तेमाल होता है।
चालान से नहीं बनती बात
देहरादून में पुलिस अवैध व मानकों के खिलाफ हुक्का संचालन के खिलाफ चालान और जुर्माना वसूल रही है। लेकिन इससे बात नहीं बन रही। संचालक जुर्माना भरने के बाद भी बेधड़क इसका संचालन कर रहे हैं।