दुनियाभर में हिम तेंदुओं की संख्या 4,000 से भी कम रह गई है। इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि वैज्ञानिक आज तक उनके 77 फीसदी ठिकानों का पता नहीं कर पाए हैं। विश्व वन्यजीव संगठन (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) ने हिम तेंदुओं पर पिछले 100 साल में हुए अध्ययनों पर जारी रिपोर्ट में कहा है कि इनकी आवास को लेकर जानकारी और डेटा की कमी से संरक्षण प्रयासों को नुकसान हो रहा है।
संरक्षण के लिए इस रहस्यमयी जीव और उसके आवास को समझना जरूरी
रिपोर्ट के अनुसार, 1904 से अब तक भी केवल 23 प्रतिशत आवासीय क्षेत्र पर ही कोई शोध हुआ, बाकी भाग छूटे रहे। रिपोर्ट के प्रमुख लेखकों में शामिल ऋषि कुमार शर्मा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के ग्लोबल स्नो लेपर्ड के प्रमुख भी हैं। उन्होंने बताया कि हिम तेंदुए दुर्गम क्षेत्रों में रहते हैं। इन्हें पृथ्वी के सबसे कठोर हालात वाले क्षेत्र भी कह सकते हैं।
यह एक वजह है कि इन क्षेत्रों में अध्ययन नहीं हो पाए। यह जीव खुद भी छुपकर और दुर्गम क्षेत्रों में रहना पसंद करता है। इसके आवास का विस्तृत अध्ययन नहीं होने से आज भी पूरी तस्वीर दुनिया के सामने नहीं आ सकी है।