देहरादून– उत्तराखंड सरकार की ओर से सरकारी विभागों में 24 हजार भर्तियों की घोषणा की गई है । जानकारी के अनुसार इन 24 हजार भर्तियों में 3000 पद प्राथमिक शिक्षकों के हैं और यह भर्ती कोर्ट में लटकी है । प्रदेश सरकार द्वारा कोर्ट में कोई ठोस कार्रवाई इस मामले में नहीं की जा रही है। इस मामले में सरकार का चुप रहना प्रदेश सरकार के दोहरे चरित्र को दर्शा रहा है।
जहां एक ओर सरकार, सरकारी विभागों में 24 हजार भर्तियां की घोषणा लगातार मीडिया में कर रही है । वही इन 24 हजार भर्तियों में 3 हजार पद प्राथमिक शिक्षकों के हैं और यह भर्ती कोर्ट में लटकी है। जिस पर सरकार द्वारा कोर्ट में कोई ठोस करवाई नही की जा रही है। जो सरकार के दोहरे चरित्र को दर्शता है। एक आर०टी०आई० के अनुसार 30 सितम्बर 2019 तक प्राथमिक शिक्षकों के 2491 पद रिक्त थे । जिसके बाद दो बार शिक्षकों की सेवानिवृत्त हो चुकी है। अनुमानतः यह आंकड़ा अब 3 हजार से ऊपर पहुंच चुका है।
डायट डीएलएड संघ का कहना है कि जिस प्रकार एक मजबूत घर बनाने के लिए मजबूत नींव की आवश्यकता होती है ठीक उसी प्रकार एक मजबूत शिक्षा व्यवस्था बनाने के लिए प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था का भी मजबूत होना जरूरी है।
ज्ञात हो कि 2 अगस्त से भौतिक रूप से हाई कोर्ट का कार्य शुरू हो रहा है।जिसके लिए कोर्ट ने गाइड लाइन भी जारी कर दी है । डायट डीएलएड संघ द्वारा शासन और प्रशासन से जल्द ही अर्जेसी लगाकर कोर्ट केस निपटाने के लिए गुहार लगाई है क्योंकि जिन दो संगठनों nios व B.Ed ने इस भर्ती में वाद दायर किये गए हैं वो इस पर काम नही कर रहे हैं।
संघ का प्रतिनिधि मंडल पिछले कई दिनों में माननीय मुख्यमंत्री जी से 7 बार , शिक्षा मंत्री जी से 10 बार से अधिक व अन्य सभी कैबिनेट मंत्रियों व भर्ती संबंधित अन्य सभी माननीयों से मिल चुका है।संघ के अनुसार पूर्व में शिक्षा निदेशालय द्वारा एक भर्ती कैलेंडर जारी किया गया था । जिसके अनुसार भर्ती की कॉउंसलिंग 18-20 जून में पूर्ण होनी थी। लेकिन अभी तक किसी भी जिले में प्रत्यावेदन के लिए लिस्ट तक अपलोड नही की गई है।
संघ ने कहा कि सरकार को कोर्ट में लंबित याचिकाओं को यथाशीघ्र निपटा कर प्राथमिक शिक्षक भर्ती संपन्न करें, किंतु शिक्षा विभाग द्वारा इस मसले पर अर्जेंसी लगाने के बजाय टालमटोल किया जा रहा है। इस बीच सरकार ने पूर्ण आश्वाशन दिया है कि उसके द्वारा वादो का निस्तारण होगा इसलिए सभी डायट डीएलएड प्रशिक्षित मौन है।यदि इस ओर कार्य नही किया गया तो मजबूरन संघ मैदान में आने को बाध्य होगा।संघ द्वारा बताया गया कि सरकार ने प्रदेश में विगत 4 वर्षों से प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है और विगत 2 वर्षों से कोरोना के कारण वर्तमान प्राथमिक स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था चौपट हो गई है। जिससे राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ रहे नौनिहालों के साथ ही सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षित डायट डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगारों का भविष्य भी अधर में लटक गया है।