अंतरराष्ट्रीय

चीन की वुहान लैब में फिर जांच कराना चाहता है डब्ल्यूएचओ

चीन से निकल कर पिछले डेढ़ साल से कोरोना वायरस ने दुनिया भर में तबाही मचाई रखी है। कोरोना संक्रमण से अब तक दुनिया भर में करोड़ों लोग संक्रमित हो गए और लाखों लोगों की जान चली गई है। लेकिन अब तक दुनिया इस सवाल का जवाब नहीं ढूढ़ पाई है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति कैसे हुई? वहीं अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए चीन और वुहान की लैब में दोबारा जांच का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, चीन की तरफ से इस प्रस्ताव पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने शुक्रवार को सदस्य देशों के साथ बंद कमरे में हुई बैठक में यह प्रस्ताव रखा था। इससे एक दिन पहले ही घेब्रेयेसस ने कहा था कि चीन में कोरोना वायरस के प्रसार के शुरुआती दिनों के आंकड़े नहीं मिलने से पहली जांच में बाधा आई थी।

बता दें कि डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व वाली एक टीम ने मार्च में वुहान का दौरा किया था। टीम के सदस्य कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए चार हफ्ते तक वहां जांच पड़ताल करते रहे, लेकिन इस दौरान चीनी शोधकर्ता उनके साथ साये की तरह साथ बने रहे। बाद में संयुक्त रिपोर्ट में टीम ने किसी अन्य जानवरों के जरिये चमगादड़ों से मानव में कोरोना वायरस के फैलने की आशंका जताई थी।

अमेरिका समेत कई देशों को इस रिपोर्ट पर यकीन नहीं हुआ। इसके बाद एकजुट सभी देशों ने दोबारा जांच कराए जाने की मांग की। विशेषकर वुहान लैब की, जहां चमगादड़ों पर प्रयोग किया जाता है। राजनयिकों ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के प्रस्ताव में सिर्फ चीन में दोबारा जांच की बात कही गई है और वह भी खासकर वुहान के आसपास की प्रयोगशालाओं की। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि चीन ने पर्याप्त डाटा उपलब्ध नहीं कराया।

 

 

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