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डब्ल्यूएचओ करेगा कोरोना उत्पत्ति की दोबारा जांच।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) एक नई टीम को साथ कोरोना की उत्पत्ति की दोबारा जांच शुरू करने जा रहा है। इसके लिए 20 विज्ञानियों की नई टीम बनाई गई है, जो चीन और अन्य जगहों की जांच करेगी।
इस नए जांच दल के जरिए डब्ल्यूएचओ कोविड-19 की उत्पत्ति की जांच फिर से शुरू करने के लिए तैयार है। इस टीम में प्रयोगशाला सुरक्षा, जैव सुरक्षा के विशेषज्ञ, आनुवंशिकीविद् और पशु-रोग विशेषज्ञ शामिल हैं, जो इस बात से वाकिफ हैं कि वायरस प्रकृति से कैसे फैलते हैं। घेब्रेयसस के अनुसार, महामारी के स्रोत की जांच करने के लिए चीन जाने वाली अंतरराष्ट्रीय टीम के लिए पुख्ता सबूत प्राप्त करना एक चुनौती था। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय के वैज्ञानिकों के अनुसार, यह निर्धारित करने के लिए धीरे-धीरे समय समाप्त हो रहा है कि महामारी कैसे शुरू हुई। उन्होंने कहा कि रक्त के नमूने फेंके जा रहे हैं और कोविड -19 के शुरुआती पीड़ितों में एंटीबाडी का स्तर खत्म होता जा रहा है। हालांकि, चीन ने डब्ल्यूएचओ पर अहंकार और सामान्य ज्ञान की कमी का आरोप लगाते हुए जांच को खारिज कर दिया है। चीनी वैज्ञानिकों ने डब्ल्यूएचओ को मैरीलैंड के फोर्ट डेट्रिक में यूएस आर्मी मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ इंफेक्शियस डिजीज सहित अन्य देशों में कोविड -19 की उत्पत्ति की जांच का विस्तार करने के लिए भी कहा है।वाल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि ये दल चीन और अन्य जगहों पर नए सबूतों की तलाश करेंगे। इससे पहले डब्ल्यूएचओ-चीन की एक संयुक्त जांच टीम ने इस साल मार्च में इन संभावना को खारिज कर दिया था कि वायरस किसी प्रयोगशाला से बाहर आया था। जुलाई में महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने इस रिपोर्ट को कमतर आंकते हुए वुहान में अध्ययन के दूसरे चरण का प्रस्ताव रखा था, जिसमें वुहान शहर में प्रयोगशालाओं और बाजारों का आडिट भी शामिल है।

रिपोर्ट संध्या कौशल।

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