संवाददाता(देहरादून): उत्तराखंड में त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल के विस्तार की सुगबुगाहट फिर शुरू हो गई है। दरअसल, कोरोनाकाल में भाजपा शासित राज्य हिमाचल और मध्यप्रदेश में कैबिनेट का विस्तार हो चुका है, ऐसे में उत्तराखंड में भी कैबिनेट विस्तार के लिए दबाव बनना रहा शुरू हो गया है। त्रिवेंद्र सरकार का बहुप्रतिक्षित कैबिनेट विस्तार नवरात्र में होना तय माना जा रहा है। ऐसे में मंत्री पद के दावेदारों में बेचैनी है। दावेदारों ने ऐड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ है। मंत्रिमंडल की तीन खाली सीटों पर कब्जा जमाने को होड़ मची हुई है। तीन सीटों में दो कुमाऊं और एक गढ़वाल मंडल से भरे जाने की बात की जा रही है। लेकिन जानकारों की माने तो चौंकाने वाले फैसलों के लिए जाने वाले सीएम त्रिवेंद्र रावत मंत्रिमंडल विस्तार में भी कुछ इसी तरह के फैसले ले सकते हैं।
ऐसे में मंत्री जिनकी परफार्मेंस आशानुरुप नहीं रही, उन्हें बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है।पहले बात उन मंत्रियों की, जिनका प्रमोशन हो सकता है। सहकारिता राज्य मंत्री धन सिंह रावत को उनके कार्यों, परफार्मेंस और सहकारिता, डेयरी सेक्टरर में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए कैबिनेट मंत्री के पद पर प्रमोट किया जाना तय माना जा रहा है। कुमाऊं मंडल से बागेश्वर जिले से बलवंत सिंह भौर्याल, अल्मोड़ा से सुरेंद्र सिंह जीना को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।इसी के साथ पिथौरागढ़ जिले से दिवगंत कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। ऐसा कर सरकार कुमाऊं में एक बड़ा संदेश देने में सफल रहेगी।
इन परिस्थितियों में किसी एक मंत्री को बाहर होना पड़ सकता है। क्योंकि कैबिनेट की तीसरी खाली सीट पर गढ़वाल से किसी एक विधायक की लॉटरी लगना तय है। इसमें बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट के साथ ही उत्तरकाशी जिले से भी किसी विधायक को प्रतिनिधित्व मिलने की उम्मीद है। चर्चा देहरादून विकासनगर से तेजतर्रार विधायक मुन्ना सिंह चौहान की भी है।ऐसे में मंत्रिमंडल से यदि किसी को बाहर होना पड़ा, तो उसमें पिछले 3 सालों की परफॉमेंस देखी जाएगी। इसके साथ ही इस बात के कयास भी है कि मन्त्रिमण्डल विस्तार के साथ ही विभागों में बदलाव भी हो सकता है।