राज्यपाल ने चार दिवसीय यात्रा पर दिल्ली रवाना होने से कुछ घंटे पहले पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से उठाए गए मुद्दों पर जल्द बातचीत करने का आग्रह किया। उन्होंने बनर्जी को लिखे पत्र में कहा, ‘मैं चुनाव के बाद प्रतिशोधात्मक रक्तपात, मानवाधिकारों का हनन, महिलाओं की गरिमा पर हमला, संपत्ति का नुकसान, राजनीतिक विरोधियों की पीड़ाओं पर आपकी लगातार चुप्पी और निष्क्रियता को लेकर मैं विवश हूं।’धनखड़ ने पत्र की प्रति ट्विटर पर भी पोस्ट की है। उन्होंने कहा, ‘आपकी चुप्पी, लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए पुनर्वास और मुआवजे की खातिर किसी भी कदम का अभाव से यह निष्कर्ष निकलता है कि यह सब राज्य द्वारा संचालित है।’ जुलाई 2019 में पद संभालने के बाद से ही धनखड़ और तृणमूल सरकार आमने-सामने रहे हैं। उन्होंने राज्य में पुलिस-प्रशासन पर पक्षपात करने का भी आरोप लगाया है।