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उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार

खटीमा। खटीमा से ही पृथक राज्य की प्रमुखता से लड़ाई लड़ने वाले राज्य आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत से राज्य आंदोलनकारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी सम्मान स्वरूप पेंशन दिए जाने की गुहार लगाई है। इस मांग के संदर्भ में राज्य आंदोलनकारी संगठन ने खटीमा के क्षेत्रीय विधायक पुष्कर सिंह धामी के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को अपना मांग पत्र भी भिजवाया है।
उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों ने अपनी मांगों के संदर्भ में अपने ज्ञापन के माध्यम से सूबे के सीएम से गुहार लगाई है कि जहां राज्य आंदोलन के दौरान खटीमा सहित पूरे प्रदेश में राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य के गठन के लिए संघर्ष किया था वहीं उसके बाद राज्य सरकार द्वारा घायल राज्य आंदोलनकारियों को 5 हजार व सक्रिय राज्य आंदोलनकारियों को 31 सो रुपए सम्मान स्वरूप पेंशन दी जा रही है। लेकिन राज्य आंदोलनकारियों की मौत के बाद उनके परिजनों को पेंशन नहीं दी जा रही है, जबकि शासन के 26 मार्च 2018 के शासनादेश के अनुसार मृत्यु उपरांत परिजनों को पेंशन देय होगी। लेकिन वर्तमान में राज्य आंदोलनकारी की मृत्यु उपरांत उनके परिजनों को किसी भी प्रकार की पेशन नहीं मिल पा रही है। इसलिए राज्य आंदोलनकारी मंच ने आज सूबे के मुख्यमंत्री से मांग करता है कि राज्य आंदोलनकारियों के मौत के बाद उनके परिजनों को भी सम्मान स्वरूप राज सरकार द्वारा पेंशन दिए जाने की संस्तुति की जाए। वही खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आंदोलनकारियों को आश्वस्त किया कि वह मुख्यमंत्री के समक्ष उनकी मांगों को रखकर उन्हें पूरा कराने का भरसक प्रयास करेंगे।क्योंकि राज्य आंदोलन में खटीमा सहित प्रदेश के राज्य आंदोलनकारियों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान व बलिदान दिया था। वही इस दौरान विधायक पुष्कर धामी के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजने वाले उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष,कुशल सिंह कन्याल,वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी कैप्टन शेर सिंह दिगारी, प्रमुख राज्य आंदोलकारी भगवान जोशी,सुरेंद्र सिंह बिष्ट,भैरव दत्त पांडे,कृपाल सामन्त,किशन सिंह किन्ना,कमला पांडे,पूरन धामी सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

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