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कुख्यात बदमाश सुरेश को 20 और संतोष को 16 साल से ढूंढ रही उत्तराखंड पुलिस

uttarakhand police

देहरादून:उत्तराखंड का सबसे कुख्यात बदमाश सुरेश शर्मा बीते 20 साल से पुलिस की पकड़ से बाहर है। चमोली में हत्या कर फरार हुए सुरेश पर अब तक किसी भी रणनीति का असर नहीं हुआ है। सुरेश पर इनाम की राशि एक लाख कर दी गई है। सुरेश अकेला नहीं, जिसकी पुलिस को इतने दिनों से तलाश है। कोई 10 साल से तो कोई 16 साल से पुलिस को छका रहा है।
प्रदेश में कुल 209 इनामी बदमाश हैं। इन्हें पकड़ने के लिए समय-समय पर अभियान भी चलाए जाते हैं, लेकिन हर साल कुछ बदमाशों को पकड़कर अभियान बंद कर दिया जाता है। हालांकि शातिर बदमाशों दशकों से पुलिस को चकमा देने में कामयाब हैं।

अब उत्तराखंड एसटीएफ को 50 बदमाश हर साल पकड़ने का लक्ष्य मिला है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि बड़े बदमाश भी पुलिस के हत्थे चढ़ सकते हैं। तीन दिनों से पुलिस चांदपुर बिजनौर के आसपास कुख्यात केडी की तलाश जारी है।  एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार वर्तमान में 15 बदमाश ऐसे हैं जिनके बारे में बहुत जानकारियां जुटाई जा चुकी हैं। बताया जा रहा है कि जल्द ही ये बदमाश सलाखों के पीछे होंगे। इनमें कुछ 20 हजारी तो कुछ 20 और पांच हजारी बदमाश शामिल हैं।

ये हैं कुछ कुख्यात 
सुरेश शर्मा- 20 साल से फरार। चमोली में हत्या का मुकदमा, इनाम एक लाख रुपये।
संतोष- डकैती और जेल से फरार होने का आरोप। जीआरपी में मुकदमा दर्ज है। 16 साल से है फरार, इनाम 10 हजार रुपये।
रणदीप उर्फ राजा- हत्या और हत्या के प्रयास का आरोप। किच्छा में मुकदमा दर्ज है, इनाम 20 हजार रुपये। 10 सालों से फरार।
संदीप- विकासनगर के इस बदमाश पर डकैती का आरोप है। बीते लगभग पांच सालों से फरार है। इनाम 10 हजार रुपये।

ये हैं इनामी बदमाश 
एक लाख- एक
20 हजार- तीन
10 हजार- 17
पांच हजार- 70
अन्य इनामी- 111

सबसे ज्यादा हरिद्वार जिले को तलाश 
सबसे ज्यादा इनामी बदमाशों की हरिद्वार पुलिस को तलाश है। यहां पर इनकी संख्या 78 है। ऊधमसिंहनगर में 46 और तीसरे नंबर पर 37 बदमाशों के साथ देहरादून राजधानी है। नैनीताल को 13, चमोली को एक, पौड़ी को एक, टिहरी को एक, चंपावत को पांच, पिथौरागढ़ को सात, अल्मोड़ा को पांच, बागेश्वर को दो और जीआरपी को छह इनामी बदमाशों की तलाश है।

इनामी बदमाशों की धरपकड़ को एसटीएफ लगतार अभियान चलाती है। हाल ही में एक बदमाश के साथ मुठभेड़ भी हुई थी। कई ऐसे बदमाश हैं, जिनकी गिरफ्तारी जल्द की जा सकती है।
-अजय सिंह, एसएसपी, एसटीएफ

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