संवाददाता(देहरादून) : कोरोना के बीच त्यौहार फीके गए। लेकिन अब अनलॉक-5 में कई छूटें सरकार ने दी है। एक बार फिर से त्यौहारी सीजन आने वाला है। नवरात्रे से लेकर दशहरा, ईद, दीपावली, क्रिसमस सहित कई त्यौहार आ रहे हैं। बाजारों में भीड़ रहेगी जिससे कोरोना का खतरा बढ़ेगी। इसी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने आगामी त्योहारों पर आयोजित होने आयोजनों को मंजूरी तो दे दी है लेकिन इसी के साथ दिशानिर्देश भी जारी किये हैं। सरकार ने ऐसे आयोजनों में 200 लोगों की संख्या तय की गई है। साथ ही मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष तौर पर ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं कंटेनमेंट जोन में कोई भी कार्यक्रम नहीं होंगे।
सरकार की त्यौहारी सीजन के लिए गाइडलाइन
65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, अन्य बीमारियों से ग्रसित लोग, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर पर रहने की सलाह दी गई है। त्योहारी सीजन में आयोजित करने वाले सभी कार्यक्रमों की पहले से ही विस्तृत कार्ययोजना बनानी होगी। आयोजन स्थलों पर सोशल डिस्टेसिंग के लिए पर्याप्त मार्किंग करनी होगी।
आयोजकों को नियमों के पालन पर नजर रखने के लिए पर्याप्त संख्या में स्वयंसेवक तैनात करने होंगे और आवश्यकता के अनुसार सीसीटीवी भी लगाने होंगे। थर्मल स्कैनिंग, सेनिटाइजेशन आदि नियमों का पालन कराना होगा। आयोजन स्थल को बार-बार सैनिटाइज करने के लिए व्यवस्था आयोजकों को करनी होगी।
इसी तरह कार्यक्रम के आयोजकों और संचालकों को अपने कर्मचारियों के लिए मास्क, फेस शील्ड, हैंड सैनिटाइजर और ग्लब्ज आदि की पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी।व्यक्तियों को जहां तक संभव हो सार्वजनिक स्थानों पर न्यूनतम 6 फीट की दूरी बनानी होगी। साथ ही अनिवार्य रूप से फेस कवर या मास्क का प्रयोग करना होगा।अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र और हाथ धोने का सख्ती से पालन करना होगा। खांसने, छींकने समय रूमाल का प्रयोग करना हो गया। थूकने पर पाबंदी रहेगी।
सभी के लिए आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग जरूरी होगा। प्रशासन साइट प्लान बनाएगा और भीड़ प्रबंधन करेगा।
अनलॉक-5 में अधिकतम 200 लोगों को अनुमति दी गई थी, इसे जारी रखा गया है। धार्मिक स्थलों में प्रतिमा, पवित्र किताब आदि को छूने की मनाही होगी। लंबी रैलियों के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करनी होगी। अगल एअर कंडीशन का प्रयोग होता है तो 24 से 30 डिग्री के बीच रहेगा। अधिक दिन तक चलने वाले कार्यक्रम जैसे रामलीला, पूजा अनुष्ठान, मेले, प्रदर्शनियों आदि में भी सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना होगा। सशर्त और सीमित प्रवेश पर विचार किया जा सकता है। नाटक के मंचन के लिए सिनेमा और थियेटर के लिए जारी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा।
किसी भी कार्यक्रम, सामाजिक समारोह के लिए पहले स्थान चिह्नित किया जाएगा। रैलियों, धार्मिक जुलूसों के लिए पहले से ही रूट प्लान, शामिल होने वाले लोगों की संख्या, प्रतिमा विसर्जन आदि की साइट आदि तय करनी होगी। आयोजन स्थल पर ऐसा कमरा या स्थल चिह्नित किया जाएगा जहां किसी लक्षण वाले व्यक्ति को एकांतवास में रखा जा सके।आयोजन स्थलों पर दुकान, खोखों आदि को भी सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना होगा। सामुदायिक किचन, लंगर आदि में भी सामाजिक दूरी का पालन करना होगा।