देहरादून:प्रदेश सरकार ने कमजोर तबके के बच्चों को तोहफा दिया है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने समाज कल्याण एवं जनजाति कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित संस्थाओं और विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों के लिए भोजन भत्ते की दर 3000 से बढ़ाकर 4500 रुपये प्रतिमाह करने को स्वीकृति दे दी है। इसके अलावा सचिवालय में कार्यरत होमगार्ड के अवशेष ड्यूटी भत्ते के भुगतान के लिए प्रथम किस्त के रूप में 1.24 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है।
उत्तराखंड में आश्रम पद्धति के विद्यालयों की भांति समाज कल्याण एवं जनजाति कल्याण विभाग के संस्थानों व विद्यालयों में भी भोजन भत्ते की दर निर्धारित किए जाने की मांग की जा रही थी। कुछ समय पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मांग को पूरा करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने इसकी मंजूरी दे दी है। अब समाज कल्याण व जनजाति कल्याण के अंतर्गत अनुसूचित जाति-जनजाति के संस्थानों, जिनमें औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, छात्रावास, एकलव्य आवासीय विद्यालय जैसे संस्थान हैं, वहां आश्रम पद्धति विद्यालयों की भांति भोजन भत्ते की दर 3000 रुपये मासिक के स्थान पर 4500 रुपये प्रति छात्र प्रति माह होगी। इसके अलावा इन विभागों के अंतर्गत संचालित राजकीय वृद्ध अशक्त गृह, राजकीय भिक्षुक गृह में भी इसी हिसाब से भोजन भत्ते की दर निर्धारित किए जाने को स्वीकृति दी गई है।
309 होमगार्ड को मिलेगा लाभ
सचिवालय में कार्यरत उन 309 होमगार्ड को भी सरकार ने राहत प्रदान की है, जिनका 25 अप्रैल 2017 से दो जुलाई 2018 तक के अवशेष ड्यूटी भत्ते के एरियर का भुगतान लंबित था। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस एरियर के भुगतान के लिए प्रथम किस्त के रूप में एक करोड़ 24 लाख 38 हजार छह सौ रुपये की धनराशि स्वीकृति की है। शेष राशि भी सरकार द्वारा जल्द प्रदान की जाएगी।