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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावः बंदूकों की अधिक बिक्री से बढ़ सकता है आंतरिक कलह

वॉशगिंटन। अमेरिका में जैसे-जैसे राष्ट्रपति चुनाव आते जा रहे है, वैसे-वैसे वहां हथियारों की बिक्री का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। हथियारों की बेतहाशा खरीद के बाद रिटेल सामान बेचने वाली कंपनी वॉलमार्ट पूरे अमेरिका में अपने रिटेल स्टोर से बंदूकों और गोला-बारूद की बिक्री को रोक रही है। वॉलमार्ट ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है, जब चुनावी नतीजे के दिन गतिरोध के पैदा होने या एकतरफा नतीजा आने पर हिंसक झड़प और गृह कलह का खतरा पैदा होने की आशंका है। कोरोना वायरस के वजह से पूरे अमेरिका में बंदूकों की संख्या में कमी और शटडाउन की वजह से इस साल गन की बिक्री बहुत ज्यादा हुई है। इसके अलावा नस्ली विवाद और राजनीतिक तनाव ने भी बंदूकों की बिक्री को बढ़ाया है। एक अनुमान के मुताबिक 50 लाख लोगों ने बताया कि उन्होंने पहली बार हथियार खरीदा है। अमेरिका में कुल आबादी से ज्यादा बंदूकें हैं जो पूरे विश्व में बंदूकों के स्वामित्व के मामले में सबसे ज्यादा है।
एक अनुमान के मुताबिक हर एक 100 नागरिक पर 120.5 बंदूकें हैं. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव परिणाम के बाद आतंरिक कलह की आशंका जताने वालों में फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और अन्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ’मुझे इस बात की चिंता है कि हमारा देश बहुत ज्यादा बंट गया है और चुनाव परिणाम के अंतिम रूप देने में कुछ दिन और हफ्ते लग सकते हैं। पूरे देश में आंतरिक कलह का खतरा पैदा हो गया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार संकेत दिया है कि अगर चुनाव परिणाम उनके खिलाफ जाता है तो दक्षिणपंथी मिलशियि उनके लिए कार्रवाई को तैयार है। इस मिलशियि को ट्रंप के अपने प्रशासन ने ही मुख्य खतरा और हिंसा को भड़काने का प्रमुख संदिग्ध माना है। एक अध्ययन के मुताबिक पेन्सिलवेनिया, मिशगिन, जार्जिया और विस्कोन्सिन चुनाव के लहिज से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं और यहीं पर हथियारबंद मलिशियि के कार्रवाई का सबसे ज्यादा खतरा है।

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