देहरादून:मसूरी रोपवे के अपर टर्मिनल प्वाइंट शिफन कोर्ट में रोपवे निर्माण कंपनी के गेट लगाने पर स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया। मौके पर पुलिस और लोगों के बीच नोकझोंक भी हुई। इसके बाद लोग धरने पर बैठ गए। वहीं पुलिस ने रोपवे निर्माण में अड़चन डालने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
बता दें, 24 अगस्त 2020 में देहरादून-मसूरी रोपवे प्रोजेक्ट के लिए शिफन कोर्ट से करीब 85 परिवारों को हटाया गया था। इनमें कई परिवार शहर की पार्किंग और लाइब्रेरी बस अड्डे के हवाघर में रहने को मजबूर हैं। सोमवार को जब रोपवे निर्माण से जुड़ी कंपनी गेट लगाने पहुंची तो सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गए और काम बंद करा दिया। कंपनी के लोगों ने काम बंद कराने की शिकायत पुलिस से की।
इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग विस्थापन प्रक्रिया जल्द पूरी होने तक गेट लगाने की बात पर अड़ गए। पुलिस ने कार्य में बाधा डालने का हवाला देकर थोड़ी सख्ती दिखाई तो लोग भड़क और नोकझोंक होने लगी। दोनों ओर से काफी देर खींचतान और धक्कामुक्की होती रही।
शिफन कोर्ट निवासी अनुज शाह ने कहा कि कड़ाके की ठंड में लोग छोटे बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों के साथ हवाघर और पार्किंग में रहने को मजबूर हैं। क्षेत्रीय विधायक ने जल्द विस्थापित करने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक बेघरों को ठिकाना नहीं मिला है। हवाघर में रह रहे लोग पानी, बिजली और ठंड से परेशान हैं। संजय टम्टा ने कहा कि आज तक किसी ने बेघर लोगों की समस्या को दूर करने का प्रयास नहीं किया है।
बुजुर्ग संपती लाल कहते हैं कि पांच दशक से शिफन कोर्ट में रह रहे थे। रोपवे निर्माण के लिए उनकी बस्ती उजाड़ दी गई है। इसके बाद कोई सुध नहीं ले रहा है। समस्या का समाधान नहीं होने तक गेट नहीं लगने दिया जाएगा।
वहीं रोपवे निर्माण कंपनी के प्रशांत ने कहा कि स्थानीय लोग काम नहीं करने दे रहे हैं।
फिलहाल यहां गेट और फेंसिग लगाने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते काम नहीं हो पा रहा है। वहीं शहर कोतवाल देवेंद्र सिंह असवाल ने बताया कि कुछ लोग शिफन कोर्ट में गेट आदि कार्य का विरोध कर रहे हैं। लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। अगर विरोध जारी रहता है तो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
साहब! ठंड बहुत है, हमारा विस्थापन करा दो
शिफन कोर्ट गेट लगाने का विरोध करने पहुंची महिलाएं हाथ जोड़कर अधिकारियों से ठंड में विस्थापन कराने की दुहाई देती रहीं। महिलाएं रो-रो कर अपना समस्या बता रही थीं। बुजुर्ग महिला कुशा देवी ने कहा कि वे परिवार के साथ बीते अगस्त से हवाघर में रहने को मजबूर हैं। हवाघर में बिजली-पानी की समस्या है, लेकिन सुध लेने को कोई तैयार नहीं है। कई लोगों के घरों में छोटे बच्चे, बुजुर्ग व बीमार लोग भी हैं। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने शासन और प्रशासन से बात करने का हवाला दिया।