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संयुक्त राष्ट्र  का दावा –  साल 2020 में 10 फीसदी लोग हुए कुपोषित

The United Nations said on Monday that the worsening malnutrition situation last year was largely related to the COVID-19 pandemic. A report jointly released by five UN agencies said that in 2020, there was an increase in the number of people affected by not getting enough food. Thus about 10 percent of the people are estimated to be malnourished. It said that Africa was most affected by this, where 21 percent of the people are estimated to be malnourished. Children paid a much higher price, stunted the growth of 149 million children under the age of five and were too small for their age. More than 45 million children are quite skinny for their height. UN agencies said that a total of three billion adults and children were deprived of healthy diets, in large part because of their exorbitant prices. The report said the pandemic caused severe recessions in many parts of the world and affected access to food. It said that hunger overtook the rate of population growth in 2020. The report found that about 9.9 percent of the world's population is estimated to be malnourished last year, compared to 8.4 percent in 2019. This report is being described as the first global assessment of the timing of the pandemic.

संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को कहा कि पिछले साल कुपोषण की बदतर स्थिति का संबंध बहुत हद तक कोविड-19 महामारी से था। संयुक्त राष्ट्र की पांच एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में पर्याप्त आहार नहीं मिलने से प्रभावित लोगों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई। इस प्रकार करीब 10 फीसदी लोगों के कुपोषित होने का अनुमान है।

इसमें कहा गया है कि इससे सर्वाधिक अफ्रीका प्रभावित हुआ, जहां 21 प्रतिशत लोगों के कुपोषित होने का अनुमान है। बच्चों को कहीं अधिक कीमत चुकानी पड़ी, पांच साल से कम आयु के 14.9 करोड़ बच्चों की वृद्धि प्रभावित हुई और अपनी उम्र की तुलना में उनका कद काफी छोटा है। 4.5 करोड़ से अधिक बच्चे अपनी लंबाई की तुलना में काफी दुबले पतले हैं।

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने कहा कि कुल तीन अरब वयस्क और बच्चे स्वास्थ्यवर्धक आहार से वंचित रह गए, बहुत हद तक उनकी अत्यधिक कीमतों को लेकर। रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व के कई हिस्सों में महामारी ने भीषण मंदी ला दी और भोजन तक पहुंच को प्रभावित किया।इसमें कहा गया है कि 2020 में जनसंख्या वृद्धि की दर को भूख ने पीछे छोड़ दिया। रिपोर्ट में पाया गया है कि विश्व की करीब 9.9 प्रतिशत आबादी के पिछले साल कुपोषित रहने का अनुमान है, जबकि 2019 में यह 8.4 फीसदी था। इस रिपोर्ट को महामारी के समय का अपनी तरह का पहला वैश्विक आकलन बताया जा रहा है।

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