देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल ने उत्तराखंड के सहकारी बैंकों को गर्त में धकेलने में लगे नेताओं और अफसरों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। दल ने जल्द भ्रष्ट नेताओं, अफसरों पर कार्रवाई न होने पर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है।
उतराखंड क्रांति दल ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सहकारी बैंकों द्वारा विवादास्पद जमीनों को लोन देने, नियुक्तियों में रिश्वत लेने के साथ ही ऋण वितरण करने के लिए मोटी रकम लेने वाले नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। कहा कि लंबे समय से भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जांच फाइलों में ही दब कर रह गई है और अधिकारी कर्मचारी या तो रिटायर हो गए हैं अथवा रिटायर होने की कगार पर हैं। दल में जिला सहकारी बैंक देहरादून पर बंजारावाला में एक सहकारी संघ द्वारा खरीदी गई विवादास्पद जमीन को लोन देने की तैयारी का मामला उठाते हुए कहा कि 5-6 करोड़ रुपए की इस जमीन का न तो लेआउट पास है और न ही इस भूमि पर जाने का कोई रास्ता है, इसके बावजूद जिला सहकारी बैंक देहरादून पर इस भूमि को लोन देने का दबाव डाला जा रहा है। दल ने सेटिंग गेटिंग व पहुंच के आधार पर बिना भौतिक सत्यापन के ऋण वितरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि मोटा कमीशन लेकर अधिकारी कर्मचारी चहेतों को बिना सत्यापन के लोन दे रहे हैं, जिसके कारण अकेले देहरादून में ही 5-6 करोड़ रुपए का लोन एनपीए हो गया है व इसकी वसूली संभव नहीं है। अधिकारी-कर्मचारी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन दे रहे हैं। फर्जी ऋण वितरण के बाद यह अधिकारी कर्मचारी अपना ट्रांसफर दूसरी शाखाओं में करा लेते हैं जिसके कारण मामला वहीं दब जाता है। सहकारी बैंकों में तैनात अधिकारी और बोर्ड के विभिन्न नेता अपने चहेतों को बैक डोर से नियुक्तियां दे रहे हैं व भारी भरकम रकम लेकर संविदा पर नौकरियां दे रहे हैं। इसके साथ ही 1 साल बाद उनको निकाल दिया जा रहा है व नई भर्तियों के नाम पर फिर से मोटी रकम का लेनदेन हो रहा है। दल ने तत्काल इस पर रोक लगाने की मांग की है तथा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की माँँग की। दल ने चेतावनी दी है कि सहकारी बैंकों के भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं कि गई तो उक्रांद सड़कों पर उतरेगा। पत्रकार वार्ता में यूकेडी नेता शिवप्रसाद सेमवाल, केंद्रीय प्रवक्ता सुनील ध्यानी आदि मौजूद थे।