राष्ट्रपति पद के लिए ट्रंप-बाइडन के बीच कांटे की टक्कर
एजेंसी
वॉशिंगटन। अमेरिकी चुनाव में वोटों की गिनती जारी है। दोनों बड़े उम्मीदवार रिपब्लिकन के डोनाल्ड ट्रंप और ड्रेमोक्रेट जो बाइडन 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों का आंकड़ा पाने की कोशिश में लगे हुए हैं। इन हालात में उत्तरी राज्य विसकॉन्सिन, मिशीगन और पेंसिलवेनिया इस राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, चार साल पहले ट्रंप इन तीनों राज्यों पर जीत दर्ज करने वाले पहले रिपब्लिकन बन चुके हैं। अमेरिकी चुनाव 2020 में कई उलटफेर देखने को मिल रहे हैं।
हालांकि, इन तीन जरूरी राज्यों में ट्रंप की स्थिति काफी बेहतर नजर आ रही है। आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो कुल 16 इलेक्टोरल कॉलेज वोट वाले मिशीगन में ट्रंप को अब तक 51.09 प्रतिशत वोट मिल चुके हैं, जबकि बाइडन को अब तक 46.4 फीसदी वोट मिले हैं। 10 इलेक्टोरल कॉलेज वोट वाले विसकॉन्सिन में ट्रंप को 50.9 और बाइडन को 47.3 फीसदी वोट मिले हैं। इन तीनों राज्यों में से बड़े राज्य पेंसिल्वेनिया में 20 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं, जिसमें से ट्रंप को अब तक 55.7 फीसदी मिले हैं। हालांकि, यहां बाइडन ने 43.0 प्रतिशत वोट हासिल कर लिए हैं। फिलहाल वोटों की गिनती जारी है और माना जा रहा है कि आखिरी फैसला आने में वक्त लग सकता है।
सदी का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट झेल रहे अमेरिका में इस बार कोरोना वायरस (ब्वतवदं टपतने) बड़ा मुद्दा रहा था, लेकिन ट्रंप और बाइडन दोनों ने साल का काफी ज्यादा वक्त इन चुनौतियों को लेकर लड़ने में बिताया है। दोनों ने यही दावे किए हैं कि उनका विपक्षी देश की हालत खराब कर देगा। आज चुनाव के दिन भी दोनों के बीच बयानबाजी का दौर थमा नहीं है। एक ओर बाइडन ने डेलावेयर में कहा ’’चुनाव तब तक खत्म नहीं होंगे, जब तक हर बैलेट गिन नहीं लिया जाएगा। मैं और ट्रंप दोनों नहीं घोषणा कर सकते कि यह चुनाव कौन जीतेगा’। उन्होंने कहा ’यह फैसला अमेरिकी करेंगे।’ वहीं, दूसरी ओर ट्रंप का कहना है कि वे जल्द ही बड़ी घोषणा करेंगे। ऐसे कई राज्य रहे, जहां ट्रंप की जीत मानी जा रही थी, लेकिन सफलता बाइडन को मिली है। हालांकि, फ्लोरिडा राज्य को सबसे युद्ध का मैदान माना जा रहा था, जिसमें ट्रंप ने जीत दर्ज की है। यहा 29 से ज्यादा इलेक्टोरल वोट थे। खास बात है कि ट्रंप ने फ्लोरिडा को अपने गृह राज्य की तरह मान लिया था। यहां उन्होंने लैटिनो समुदाय को आकर्षित किया और लगातार यहां रैलियां करते रहे।
जबकि, बाइडन ने यहां पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का इस्तेमाल किया। चुनाव के शुरुआती नतीजों पर इस बात से भी असर पड़ सकता है कि वोट किस तरह से डाले गए हैं यानी इलेक्शन डे पर या पहले। करोड़ों अमेरिकी कोरोना की चिंता को घर पर छोड़कर वोट डालने पहुंचे हैं। इसके अलावा अगर बाइडन जीत जाते हैं, तो डेमोक्रेट्स को सीनेट में कुल तीन सीटों की जरूरत होगी। अगर देखा जाए तो रिपब्लिकन ने पहले ही अपने हिस्से में कई सीटें लाने में सफलता हासिल की है। जिसमें टेक्सास और कांसास जैसी बड़ी सीटें भी शामिल हैं। ट्रंप के लिए यह चुनाव उनके बीते 4 साल के कार्यकाल के फैसले के रूप में खड़ा था। अपने कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने वॉशिंगटन को अपनी इच्छा के हिसाब से झुकाया। अमेरिका को लेकर दुनिया के नजरिए को बदल दिया। जाति और वर्ग में बटे देश को एकसाथ करने की कम ही कोशिशें की। ट्रंप ने कई बार देश के वैज्ञानिकों, ब्यूरोक्रेट्स और मीडिया को कमतर दिखाते हुए सरकार के खिलाफ विद्रोही के तौर पर काम किया है। इलेक्टोरेट पर किए गए राष्ट्रीय सर्वे एपीवोटकास्ट के मुताबिक, मतदाताओं के लिए महामारी और इकोनॉमी सबसे बड़े मुद्दे रहे। कुछ ही वोटर्स ने हेल्थ केयर, जातिवाद, कानून, इमीग्रेशन या क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों पर बात की। सर्वे में पाया गया कि ट्रंप की लीडरशिप ने मतदाताओं के फैसले में बड़ी भूमिका निभाई है। दो-तिहाई वोटर्स ने कहा कि उनका वोट ट्रंप को लेकर था। या तो उनके समर्थन में या उनके खिलाफ।