कोरोना काल के बाद बस संचालन सुचारू होने पर त्योहारी सीजन में अपना घाटा दूर करने की उम्मीद कर रहे रोडवेज प्रबंधन को उसी के तकनीकी कर्मचारी चूना लगा रहे। स्थिति ये है कि लंबी दूरी की बस भी बिना जांच के मार्गों पर भेजी जा रहीं हैं।
देहरादून। कोरोना काल के बाद बस संचालन सुचारू होने पर त्योहारी सीजन में अपना घाटा दूर करने की उम्मीद कर रहे रोडवेज प्रबंधन को उसी के तकनीकी कर्मचारी चूना लगा रहे। स्थिति ये है कि लंबी दूरी की बस भी बिना जांच के मार्गों पर भेजी जा रहीं हैं और ये बस रास्ते में खराब हो जा रहीं। लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे। शुक्रवार को भी देहरादून से लखनऊ और कानपुर के लिए गई दो बस नजीबाबाद के पास खराब हो गईं। यात्रियों से पैक यह बस तकरीबन चार से पांच घंटे तक खराब रहीं। सूचना मिलने के बावजूद न तो दूसरी बस भेजी गई, न ही मैकेनिक की व्यवस्था कराई गई। चालक-परिचालक ने स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बस ठीक कराईं और आगे रवाना हुए।
ट्रेन का संचालन न होने से यात्रियों का पूरा दबाव रोडवेज बस पर है। शुक्रवार को भी पूर्वाचल के लिए यात्रियों की भारी भीड़ जुटी तो दिल्ली मार्ग से हटाकर पूर्वाचल के लिए बस लगाई गईं। लखनऊ के लिए पांच व बरेली के लिए सात अतिरिक्त बस भेजी गईं। दो अतिरिक्त बस आगरा भी भेजी गईं। आइएसबीटी पर हालात ऐसे बने भी मंडल प्रबंधक सीपी कपूर को खुद वहां पहुंचकर स्थिति संभालनी पड़ी। बावजूद बस न तो समय-सारणी के हिसाब से संचालित हो सकीं, न ही मार्गों पर दुरुस्त बस भेजी गईं। कानपुर के लिए पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे जानी बस डेढ़ घंटे की देरी से दोपहर एक बजे आइएसबीटी पहुंची और नियमित वक्त से दो घंटे की देरी से डेढ़ बजे रवाना हुई। यह बस (यूके07-पीए-3066) शाम छह बजे नजीबाबाद में खराब हो गई। बस में 75 यात्री सवार थे। चालक व परिचालक रोडवेज कार्यशाला में संपर्क करते रहे मगर कोई मदद नहीं मिली। कुछ देर बाद दून से लखनऊ जा रही बस (यूके07-पीए-3067) भी इस बस से कुछ आगे जाकर खराब हो गई। कानपुर जाने वाली बस में सवार यात्री विजय मिश्रा ने फोन पर बताया कि चालक-परिचालक ने ग्रामीणों की मदद से स्थानीय मैकेनिक को बुलाकर बस दुरुस्त कराई। बस रात 10 बजे रवाना हुई, जबकि लखनऊ वाली बस रात तकरीबन 11 बजे ठीक होकर रवाना हुई। इस दौरान यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
दिल्ली मार्ग पर भी बढ़ी भीड़
दीपावली पर दिल्ली मार्ग पर पिछले दो दिन से भीड़ नहीं थी, लेकिन शुक्रवार की रात इस मार्ग पर भी भीड़ उमड़ पड़ी। दून से दिल्ली जाने वाली सभी बस यात्रियों से खचाखच भरी हुई रवाना हुईं।
रोडवेजकर्मियों को दीपावली बोनस
आखिरकार रोडवेज मुख्यालय ने शुक्रवार को कर्मचारियों के लिए दीपावली बोनस दे ही दिया। सुबह आदेश होने के बाद दोपहर से सभी डिपो में नकद भुगतान किया गया। महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि जिन नियमित कर्मचारियों का ग्रेड-पे 4800 तक है, उन्हें 6908 रुपये बोनस दिया गया है। विशेष श्रेणी व संविदा चालक-परिचालकों व तकनीकी कर्मियों को निर्धारित मानक पूरे करने पर 1184 रुपये बोनस दिया जा रहा। इसके लिए 240 दिन की हाजिरी पूरा होना जरूरी है। चालक और परिचालक के लिए मैदानी मार्ग पर 56 हजार किमी, पर्वतीय मार्ग पर 36 हजार जबकि मिश्रित मार्ग पर 46 हजार किमी बस संचालन किया होना अनिवार्य शर्त है।