कोरोना मरीजों में म्यूकोर माइकोसिस के बढ़ते खतरे के बीच डॉक्टरों का कहना है कि हैवी डोज स्टेरॉयड लेने वालों या वह मरीज जो हफ्ते भर आईसीयू में इलाज करा घर लौटे हैं उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। इन मरीजों की नाक में दिक्कत और सांस फूलने की शिकायत पर ईएनटी विशेषज्ञ या चेस्ट रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। ब्लैक फंगस खून के जरिए आंख, दिल, गुर्दे और लिवर पैंक्रियाज तक हमला बोलता है। इससे अहम अंगों पर असर पड़ सकता है। आंखों में तेज जलन और पुतलियों में परेशानी होने पर तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें नहीं तो रोशनी जा सकती है।
म्यूकोर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के उत्तर प्रदेश में अब तक 73 मरीज आए हैं। इनमें कानपुर में दो मरीजों की मौत हो चुकी है। मथुरा में दो और लखनऊ में एक मरीज की आंखों की रोशनी जा चुकी है। सर्वाधिक मरीज 20 मरीज वाराणसी में सामने आए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार नमी के जरिए ब्लैक फंगस ज्यादा पनपता है। हैवी स्टेरॉयड लेने वाले कोरोना मरीज हाई रिस्क पर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस पर अलर्ट करते हुए विशेषज्ञों से रिपोर्ट मांगी है। हालांकि अभी इसके इलाज के लिए कोई गाइडलाइन नहीं बनी है। मरीजों को दिए जाने वाला एम्फोटिसिटीन बी इंजेक्शन भी कई जिलों में नहीं है। सीरम इंस्टीट्यूट ने दवा कारोबारियों से सोमवार तक यूपी में इंजेक्शन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
बीएचयू अस्पताल में पिछले दिनों दो मरीजों के ऑपरेशन के बाद बुधवार को ब्लैक फंगस से पीड़ित एक कोरोना संक्रमित महिला का सफल ऑपरेशन हुआ। इस महिला में ब्लैक फंगस का असर बहुत ज्यादा हो रहा था। फंगस की वजह से उसका चेहरा काला पड़ गया था।