संवाददाता(देहरादून) : राजस्व के लिहाज से बेहद अहम आबकारी विभाग में 2003 बैच के वरिष्ठ आईएएस सचिन कुर्वे की सख्ती व प्लानिंग सटीक बैठी। अभी तक राजस्व तो दूर प्रतिभूतियों को जमा करने में कमजोर साबित हो रहे विभाग ने राजस्व के मामले में बडा आंकडा छू लिया है। कुर्वे सुर्खियो चर्चाओं से दूर रहे लेकिन प्लानिंग के अपने स्टाइल से विभाग का बकाया चल रहा बडा राजस्व सरकार के खाते में लाने में सफल रहे है।
राज्य के आबकारी महकमे में 7 अक्टूबर तक के आंकडों पर गौर करें 16 सितंबर के बाद राजस्व में बकाया जमा कराने पर हुए फोकस में सख्ती दिखी। कोविड काल व बिक्री की कमी के हवाले भी जिला आबकारी अधिकारियों के टिक नही सके। सचिव सचिन कुर्वे ने जिम्मेदार अफसरों के साथ पहली बैठक में राजस्व पर फोकस करते हुये समय के साथ पैसा जमा कराने के निर्देश दिये थे। राज्य में मौजूदा समय में संचालित हो रहे शराब ठेको में 530 शराब ठेको में से अब सिर्फ 13 ठेकों की प्रथम प्रतिभूति शेष है।
ज्बकि दितीय प्रतिभूति 76 दुकानों की शेष है। इन 76 दुकानो में से 25 दुकानों के पास 15 अक्टूबर तक का समय भी शेष है। 7 अक्टूबर के बाद ये आंकडा और भी अपडेट हुआ है। विभाग को शराब ठेकों की आपूर्ति को जाने वाली शराब की निकासी तक रोकनी पडी कुछ परेशानी ठेकेदारों को भी हुई लेकिन स्थिति सुधर गई। सचिव आबकारी सचिन कुर्वे ने बताया कि राजस्व जमा कराना पहली प्राथमिकता है जल्द ही विभागीय बैठक कर व्यवस्था सुधार के कुछ और बडे निर्णय लिये जायेंगें।