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तहखाने में छिपे बदमाश को मेरठ से ढूंढ लाई पुलिस। 

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देहरादून: ईश्वरन डकैती कांड में शामिल एक और बदमाश सुरेश जाटव को पुलिस ने मेरठ से गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी के साथ वारदात में शामिल सभी बदमाश पुलिस की गिरफ्त में आ गए हैं। इस वारदात में नौ बदमाश शामिल थे, जिसमें से आठ को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। सुरेश जाटव अपनी ससुराल (मेरठ के गोलाबढ़ रोहटा रोड टीपीनगर) में नाम बदलकर घर के नीचे तहखाना बनाकर रह रहा था। पुलिस ने बदमाश से डकैती के दौरान लूटे गए गहने भी बरामद किए हैं। उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली के विभिन्न थानों में लूट, डकैती व हत्या के प्रयास के 30 मुकदमे दर्ज हैं।

गुरुवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआइजी) अरुण मोहन जोशी ने बताया कि 22 सितंबर 2019 की रात अभिमन्यु क्रिकेट अकादमी के स्वामी आरपी ईश्वरन के मसूरी रोड स्थित घर में स्वजनों को बंधक बनाकर बदमाशों ने भारी मात्रा में गहने लूट लिए थे। वारदात में शामिल चार बदमाशों वीरेंद्र सिंह उर्फ ठाकुर, मो. अदनान, मुजिफुर्रहमान उर्फ पीरू और फुरकान को 30 सितंबर 2019 को दिल्ली व छुटमुलपुर से गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके पास भी लूट के कुछ गहने मिले थे। इसके बाद एक अक्टूबर 2019 को फिरोज, दो अक्टूबर 2019 को हैदर, तीन अक्टूबर 2019 को मो. अरशद और तीन जुलाई 2020 को फईम को क्रमश: नोएडा, बिजनौर, नई दिल्ली और मुरादाबाद से गिरफ्तार किया गया।

मिश्रा नाम बताता था सुरेश

सुरेश जाटव अपना नाम मिश्रा बताता था। इसीलिए पुलिस को उसे तलाशने में इतना समय लग गया। दरअसल, गिरफ्तार किए जाने के बाद फईम ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उनके साथ एक मिश्रा नाम का व्यक्ति भी था। पुलिस ने उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत कई राज्यों में उसकी तलाश की। तब जाकर पता चला कि मिश्रा का वास्तविक नाम सुरेश जाटव है और वर्तमान में वह अपनी ससुराल में रह रहा है। बुधवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

फईम से तिहाड़ में हुई थी मुलाकात

डीआइजी ने बताया कि सुरेश जाटव वर्ष 2008 में फईम निवासी दिल्ली से तिहाड़ जेल में मिला था। दोनों फकरू निवासी गाजियाबाद के संपर्क में थे। फकरू ने ही सुरेश जाटव का चलताऊ नाम मिश्रा और फईम का चलताऊ नाम पौना रखा था। सितंबर 2019 में फईम ने सुरेश को वारदात से पहले अदनान व वीरेंद्र ठाकुर से मिलवाया था। फईम और सुरेश योजना के मुताबिक वीरेंद्र ठाकुर व अन्य से दिल्ली में आश्रम चौक के पास मिले और वहीं से वीरेंद्र ठाकुर की कार में बैठकर देहरादून आए। यहां वह एक बिल्डर के घर लूट को अंजाम देने गए, लेकिन सफल नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने ईश्वरन के घर डकैती डाल दी। इसके बाद सभी दिल्ली पहुंचे। फईम के पकड़े जाने के बाद सुरेश काफी दिन तक इधर-उधर छिपता रहा। इसके बाद वह ससुराल में तहखाना बनाकर वहीं छिप गया। 2011 में सुरेश और उसके साथियों ने रानीपुर हरिद्वार क्षेत्र में तारों से भरा ट्रक लूट लिया था।

सुरेश से यह सामान हुआ बरामद

चार सोने की चूडिय़ां, तीन चेन, तीन ब्रेसलेट, दो जोड़ी टॉप्स, एक मांग टीका, नग जडि़त कान के टॉप्स, लटकन नुमा सफेद नग।

यहां दर्ज हैं जाटव के खिलाफ मुकदमे 

सुरेश जाटव के खिलाफ 16 मुकदमे मेरठ के विभिन्न थानों में, 10 मुकदमे गाजियाबाद, एक मुकदमा दिल्ली, एक मुकदमा रानीपुर हरिद्वार और दो मुकदमे हापुड़ में दर्ज हैं।

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