देहरादून। उत्तराखंड सरकार का आयुष विभाग और भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना न देने के लिये भ्रामक विषयों को लेकर लटकाना या भ्रम की स्थिति पैदा करना स्पष्ट है कि भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के अध्यक्ष के संबंध में मांगी गई सूचना देना नहीं चाहता। इससे स्पष्ट है कि भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड में व्याप्त अनियमितता, भारतीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष दर्शन कुमार के भ्रष्टाचार व शैक्षिक, तथा डिग्रियों में कही झोल है इसलिये सूचना देने के लिये यह किया जा रहा है।
उत्तराखंड क्रांति दल ने 20 अक्टूबर को उत्तराखंड आयुष विभाग सचिवालय से भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के अध्यक्ष दर्शन कुमार के सम्बन्ध में सूचना का अधिकार अधिनियम से 5 बिंदुओं में सूचना मांगी थीं। जिसका प्रति उत्तर आयुष एवं आयुष शिक्षा अनुभाग के लोक सूचना अधिकारी भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड का पत्र 22 अक्टूबर को प्राप्त हुआ जिसमें वांछित सूचना के संबंध में जिक्र है, लेकिन 5 नवंबर को अनुरोद्ध कर्ता को लोक सूचना अधिकारी आयुष एवं आयुष अनुभाग सूचना के 5 बिन्दुओं पर सूचना उपलब्ध कराने के लिये पुनः प्रेषित सूचना मांगने का 20 अक्टूबर को भेजे पत्र की छायाप्रति मांगी जा रही है। इससे स्पष्ट होता है कि दर्शन कुमार अध्यक्ष भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के बारे में घालमेल करके उनके बारे में मांगी गई सूचना छुपाया जा रहा है। गैरतलब है कि विभाग का विभागीय अपीलीय अधिकारी भी डॉ दर्शन कुमार है। यूकेडी के केंद्रीय प्रवक्ता सुनील ध्यानी ने बताया कि उक्रांद इन सब विषयों और भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के अध्यक्ष और फर्जीवाड़े को लेकर राज्यपाल से भेंटकर शिकायत करेगा तथा सरकार व विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत तथा भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा बिना मान्यता के फर्जी कोर्सो को आयुष संस्थानों में चलाने की खिलाफ मुखर होगा व भारतीय चिकित्सा परिषद के द्वारा भ्रष्ट्राचार, कोरोना काल में की गई अनियमितताओं का फंडाफोड़ दल करेगा।