देहरादून: श्रम कल्याण बोर्ड जहां सवालों के घेरे हैं में है। वहीं, भ्रष्टाचार के शक में निकाले गए कर्मचारियों को तुरंत वापस लाने की परवाह तो मंत्री जी को है, मगर जलते हुए जंगल बचाने के लिए अभी तक मंत्री का एक भी बयान सामने नही आया है। वन मंत्री हरक सिंह रावत हर दिन कोई ना कोई बयान देकर सुर्खियों में रहते हैं। लेकिन हैरानी इस बात की है कि पूरे प्रदेश के जंगलों में आग लगी हुई है। स्थिति खतरनाक हो चुकी है। जंगलों की आग गांवों तक पहुंच रही है।
लोगों को अपने घर बचाने मुश्किल हो रहे हैं। बावजूद इसके वन मंत्री ने अब तक ना तो वन विभाग के अधिकारियों की इसको लेकर कोई बड़ी बैठक ली है और ना ही उनको कोई बयान सामने आया है। जबकि दावे बड़े-बड़े किए गए थे कि आग की घटनाआंें पर काबू पाने के लिए वन महकमा पूरी तरह तैयार है।
राज्य में गढ़वाल से कुंमाऊं तक जंगल जल रहे हैं। वनकर्मी कम ही जगहांे पर नजर आ रहे हैं। गांव के लोग खुद ही आग बुझाने में जुटे हैं। पिछले दो-तीन दिनों में आग और भयंकर हो चुकी है। जंगल की आग अब लोगों के घरों तक पहुंचने लगी है, लेकिन मंत्री को एसी कमरों में जंगलों की आग की तपिश महसूस नहीं हो रही है।