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7 जून को विधानसभा में होगी पहली समीक्षा बैठक, अधिकारियों के साथ बैठक में मौजूद रहेंगे विधायक

Dehradun - This time the Disaster Management Department is agile to deal with the disaster in the state. This is the reason why the Disaster Management Department is concerned with the rehabilitation of those villages which are most affected by the risk of disaster. In view of the monsoon season, Departmental Minister Dr. Dhan Singh Rawat has called a review meeting for the rehabilitation of the disaster affected villages. Which will be conducted in three phases. The special feature of these meetings will be that along with the officials, local MLAs of the disaster-affected areas will also be present. So that the displacement of the affected can be done on priority basis by including the suggestions of the MLAs. State Disaster Management and Rehabilitation Minister Dr. Dhan Singh Rawat said in a statement issued to the media that in view of the upcoming monsoon season, rehabilitation of disaster affected villages and families of the state is one of the priorities of the state government. In this sequence, the displacement of disaster-affected villages has been divided into three categories, vulnerable, vulnerable and less vulnerable. In this sequence, a review meeting of rehabilitation will also be organized. In which for the first time the local MLA of the concerned area is also being invited, so that the suggestions of the MLAs can also be included in the rehabilitation process. On Monday, June 7, the first such meeting of the department has been kept in the auditorium located in the Vidhan Sabha. In which along with the officials of the government, a dozen MLAs from the most sensitive disaster affected areas have also been invited. In the meeting, specially the MLAs of the opposition have been invited by sending letters, which include Chakrata MLA Pritam Singh Chauhan, Dharchula MLA Harish Dhami, Purola MLA Rajkumar and Kedarnath MLA Manoj Rawat. Which is a positive initiative of the government. More about this source textSource text required for additional translation information Send feedback Side panels

देहरादून – प्रदेश में आपदा से निपटने के लिए इस बार आपदा प्रबंधन विभाग चुस्त है। यही वजह है कि आपदा प्रबंधन विभाग उन गांवों के पुनर्वास के लिए फिक्रमंद है जो आपदा के जोखिम से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। मानसून सीजन को देखते हुए विभागीय मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास हेतु समीक्षा बैठक बुलाई है। जो कि तीन चरणों में आयोजित होगी। इन बैठकों की खास बात यह होगी कि इनमें अधिकारियों के साथ-साथ आपदा प्रभावित क्षेत्रों के स्थानीय विधायक भी मौजूद रहेंगे। ताकि विधायकों के सुझावों को भी शामिल करते हुए प्रभावितों का विस्थापन प्राथमिकता के आधार पर किया जा सके।

राज्य के आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डा. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान कहा कि आगामी मानसून सीजन के मध्यनजर राज्य के आपदा प्रभावित गांवों एवं परिवारों का पुनर्वास राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसी क्रम में आपदा प्रभावित गांवों के विस्थापन को तीन श्रेणियों अतिसंवेदनशील, संवेदनशील एवं कम संवेदनशील में बांटा गया है। इसी क्रम में पुनर्वास की समीक्षा बैठक भी आयोजित की जायेगी। जिसमें पहली बार सम्बंधित क्षेत्र के स्थानीय विधायक को भी आमंत्रित किया जा रहा है, ताकि पुनर्वास प्रक्रिया में विधायकों के सुझाव भी शामिल किये जा कसे।सोमवार 7 जून को विभाग की ऐसी पहली बैठक विधानसभा स्थित सभागार में रखी गई है। जिसमें शासन के अधिकारी के साथ ही अति संवेदनशील आपदा प्रभावित क्षेत्रों के एक दर्जन विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है। बैठक में विशेष रूप से विपक्ष के विधायकों को पत्र भेजकर आमांत्रित किया गया है जिसमें चकराता विधायक प्रीतम सिंह चैहान, धारचूला विधायक हरीश धामी, पुरोला विधायक राजकुमार एवं केदारनाथ विधायक मनोज रावत शामिल है। जो कि सरकार की एक सकारात्मक पहल है।

 

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