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लखीमपुर में हिंसा की धीमी पड़ी आग, जानिए चौबीस घंटे में कैसे बनी बात

The fire of violence slowed down in Lakhimpur, know how the matter was made in twenty four hours

लखनऊ: केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र ‘टेनी’ के विवादित बयान के विरोध में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में सुलगी हिंसा की आग सोमवार को धीमी जरूर पड़ी, लेकिन तनाव बना हुआ है। किसानों की हत्या के आरोप में गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र ‘मोनू’ समेत 14 लोगों के खिलाफ किसानों की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है। वहीं, घटना में मारे गए सभी लोगों के स्वजन को उत्तर प्रदेश सरकार ने 45-45 लाख रुपये व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।

सरकार हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से इस मामले की जांच भी कराएगी। साथ ही, प्रथम सूचना रिपोर्ट में जो आरोपित हैं, उनको गिरफ्तार किया जाएगा। एहतियाती तौर पर लखीमपुर में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है और केंद्रीय बल की तैनाती की गई है। उधर, रविवार देर रात लखीमपुर जाने की कोशिश कर रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को सीतापुर में गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह और प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल समेत कई नेता लखनऊ व अन्य जिलों में गिरफ्तार कर लिए गए। लखनऊ समेत प्रदेश में कई जिलों में विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया।

ऐसे बनी बात : लखनऊ से स्थिति संभालने के लिए भेजे गए अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी और एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने अधिकारियों की मदद से वार्ता का क्रम शुरू किया। उन्होंने कई चक्रों में वार्ता की। सोमवार सुबह भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के पहुंचने के बाद वार्ता के क्रम में तेजी आई। इस बीच किसानों की ओर से तिकुनियां के थाने में तहरीर दी, जिस पर आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ 302,120 बी और 147 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। तहरीर में आरोप है कि किसानों को गाड़ी से कुचल कर मारा गया है और आशीष मिश्रा गाड़ी चला रहे थे।

स्थिति अब नियंत्रण में : मुकदमा दर्ज होने के बाद प्रशासन और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच भी दोपहर बाद सहमति बन गई और शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेजा गया। चारों किसानों के शवों को लेकर भाकियू नेता राकेश टिकैत मुख्यालय पहुंचे। डाक्टरों के पैनल ने सभी का पोस्टमार्टम किया। स्थानीय पत्रकार व तीन भाजपा समर्थकों के शवों को रविवार रात ही पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया था। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि अब स्थिति नियंत्रण में है।

घायलों को मिलेंगे 10-10 लाख रुपये : लखीमपुर की घटना में मारे गए सभी लोगों के स्वजन को उत्तर प्रदेश सरकार 45-45 लाख रुपये व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी। किसानों से समझौता हो जाने के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की मौजूदगी में एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घटना में घायल हुए किसानों को दस-दस लाख रुपये दिए जाएंगे। इस दौरान अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी भी उपस्थित रहे। यह पूछे जाने पर कि क्या दूसरे पक्ष की ओर से भी मुकदमा दर्ज कराया गया है, जिलाधिकारी डा. अरविंद चौरसिया ने बताया कि अभी कोई तहरीर नहीं मिली है।

सपा कार्यालय के समीप पुलिस की जीप फूंकी : लखीमपुर कांड को लेकर पूरे प्रदेश में विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान लखनऊ में सपा कार्यालय के निकट गौतमपल्ली थाने के सामने खड़ी पुलिस की जीप में किसी ने आग लगा दी। अखिलेश यादव ने कहा कि सपा कार्यकर्ता शांति से धरना दे रहे हैं। पुलिस ने अपनी गाड़ी में खुद आग लगाई है।

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