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नहीं मिली पुतला दहन की अनुमति, नाराज हुई बिरादरी

संवाददाता(देहरादून) : देहरादून 200 लोगो की अनुमति न मिलने से नाराज बन्नू बिरादरी ने दशहरा आयोजन से मना कर दिया है। ये जानकारी दी गई है। जैसा कि सभी को विदित ही है कि बन्नू बिरादरी देहरादून के द्वारा वर्ष 1948 से ही हर वर्ष दशहरे के अवसर पर परेड ग्राउण्ड देरहादून में रावण दहन का कार्यक्रम एवं भव्य समारोह आयोजित किया जाता रहा है इस वर्ष बिरादरी द्वारा कोविड-19 (कोरोना महामारी) के प्रकोप के मद्देनजर एवं सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन कते हुए दशहरा पर्व पर होने वाले समाहरोह को परेड ग्राउण्ड के स्थान पर रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल में सूक्ष्म रुप से मनाने हेतु जिला प्रशासन से कम से कम 200 व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति चाही गई थी। परन्तु प्रशासन के द्वारा दशहरा कार्यक्रम के लिए अधिकतम 50 ही लोगो की अनुमति प्रदान की गई है।

बन्नू बिरादी के द्वारा प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाने वाला दशहरा कार्यक्रम देहरादून शहर का मुख्य कार्यक्रम होता है जिसमें विगत वर्षो में लगभग 01 लाख से अधिक व्यक्ति सम्मिलित होते रहे हैं और वर्तमान में इस कार्यक्रम को 50 लोगो के साथ करना सम्भव नहीं है। चूंकि कार्यक्रम में धार्मिक आस्था के कारण स्वभाविक रुप से लोग उपस्थित होंगे जिस कारण सरकार द्वारा दी गई अनुमति की शर्त का पालन किया जाना सम्भव नहीं है। बन्नू बिरादरी समाज की एक जिम्मेदार बिरादरी है जो कि अपने स्तर से प्रशसन द्वारा तय नियमों का सदैव पालन करती आयी है। बिरादरी नहीं

किसी प्रकार से भी नियमों की अनदेखी/अवहेलना हो। यद्यपि अनलॉक-5 में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा सामाजिक समारोहो में अधिकतम 200 व्यक्तियों के सम्मलित होने की अनुमति दी जा रही है। बिरादरी ने भी कोविड-19 संक्रमण से उत्पन्न वर्तमान परिस्तिथतियों के मद्देनजर केवल 200 व्यक्तियों के साथ दशहरा कार्यक्रम करने की जिला प्रशासन से अनुमति चाही गई थी परन्तु प्रशासन द्वारा इस अनुमति को न दिये जाने के कारण सर्वसम्मति से इस वर्ष रावण दहन के सार्वजनिक कार्यक्रम को नहीं करने का निर्णय लिया है। चाहती कि इस अवसर पर बिरादरी के प्रधान श्री हरीश विरमानी, सचिव श्री | मनीष गेरा, संतोख नागपाल, अजय कथूरिया, चन्द्र प्रकाश भाटिया एवं अन्य | पदाधिकारी उपस्थित रहें।

 

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