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दिल्ली में बढ़ रहा इन वैरिएंट का खतरा , पढ़े पूरी खबर

The situation is under control from Corona in the capital, but after the effect of the second wave subsides, there is a danger of the third wave. Meanwhile, it has been learned that many forms of corona are roaming here, most of which are delta variants. It has been found in 75 percent of the total samples. Experts say that it is due to different variants of the virus that the infection spreads so much. At present, the virus is under control, but to avoid the next threat, corona rules, vaccination and genome sequencing will have to be increased. According to the central government, till June, 2,973 serious variants have been found in genome sequencing of samples taken from Delhi. Of these, the Delta variant has been found in 2261, Alpha in 685 and Beta in 27. Hence, the delta variant was found in 75 per cent of the total samples. From this it can be guessed how it is spread in Delhi. Experts say that the second wave in Delhi proved to be so dangerous because many people were hit by the delta. In December 2020, a patient infected with the delta variant was found in the country, after which it has reached 174 districts so far. This also includes Delhi. Now there is a risk of delta pulse with this variant. However, the Health Department has made full preparations to deal with it. Even if any case of this variant comes here, then adequate arrangements have been made to prevent it.

राजधानी में कोरोना से हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन दूसरी लहर के प्रभाव के कम होने के बाद अब तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है। इसी बीच यह पता चला है कि यहां कोरोना के कई स्वरूप घूम रहे हैं, जिनमें सबसे अधिक डेल्टा वैरिएंट हैं। कुल सैंपलों में से 75 फीसदी में यह मिला है। विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस के अलग-अलग वैरिएंट के कारण ही संक्रमण इतना अधिक फैलता है। फिलहाल वारयस काबू में है, लेकिन अगले खतरे से बचने के लिए कोरोना के नियमों, टीकाकरण और जीनोम सीक्वेंसिंग को बढ़ाना होगा।

केंद्र सरकार के मुताबिक, जून तक दिल्ली से लिए गए सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग में 2973 में गंभीर वैरिएंट मिल चुके हैं। इनमें सबसे अधिक 2261 में डेल्टा वैरिएंट, 685 में एल्फा और 27 में बीटा मिला है। लिहाजा, कुल सैंपलों में से 75 फीसदी में डेल्टा वैरिएंट मिला। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह किस तरह दिल्ली में फैला हुआ है।

विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में दूसरी लहर इतनी खतरनाक इसलिए साबित हुई थी कि काफी लोग डेल्टा की चपेट में आए थे। दिसंबर 2020 में देश में डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित मरीज मिला था, जिसके बाद अब तक यह 174 जिलों तक पहुंच गया है। इसमें दिल्ली भी शामिल है। अब इस वैरिएंट के साथ डेल्टा पल्स का खतरा बना हुआ है। हालांकि, इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर रखी है। यदि यहां इस वैरिएंट का कोई मामला आता भी है तो उसकी रोकथाम के लिए पर्याप्त इतजाम किए गए हैं।

 

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