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उत्तराखंड के इस शहर का बदला नाम अब इस नाम से जाना जायेगा ये शहर !

The changed name of this city of Uttarakhand will now be known by this name!

देहरादून : पौड़ी जिले के सबसे महत्वपूर्ण शहर और गढ़द्वार के नाम से जाना जाने वाला कोटद्वार का नाम अब बदल दिया है। कोटद्वार को नाम लंबे समय से कण्व ऋषि के नाम से करने की मांग कर रहे थे, लेकिन आज तक नाम को नहीं बदला जा सका था। सीएम त्रिवेंद्र रावत ने इसकी घोषणा की थी, जिसके बाद अब कोटद्वार का नाम बदल दिया गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नगर निगम कोटद्वार का नाम परिवर्तित कर कण्व ऋषि के नाम पर कण्व नगरी कोटद्वार रखने पर स्वीकृति प्रदान की है। अब नगर निगम कोटद्वार कण्व नगरी कोटद्वार के नाम से जाना जायेगा। कोटद्वार में कण्व ऋषि ने तपस्या की थी। कोटद्वार एक पौराणिक शहर है। इसका जिक्र कई धर्मग्रन्थों और महाभारत कालीन साहित्य में मिलता है।

प्राचीन काल में कोटद्वार में कण्व ऋषि का आश्रम होता था। ये उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र हुआ करता था। देश के कई हिस्सों से छात्र यहां आश्रम में वेद और पुराणों की शिक्षा लेने आते थे। वेद-पुराणों के अलावा ये आश्रम ज्योतिष, कर्मकांड और आयुर्वेद की शिक्षा का प्रमुख केंद्र हुआ करता था। इसी आश्रम में हस्तिनापुर के राजा दुष्यंत और शकुंतला को विवाह के बाद पुत्र प्राप्त हुआ था। इन्हीं राजा भरत के नाम पर हमारे देश का नाम आगे जाकर भारत पड़ा।

कोटद्वार के पास बहने वाली मालिनी नदी का जिक्र भी पौराणिक साहित्य में मिलता है। महाकवि कालिदास द्वारा रचित अभिज्ञान शाकुन्तलम में भी कण्वाश्रम और उसके आस पास के इलाकों का उल्लेख मिलता है। आधुनिक कोटद्वार 1890 के आसपास अस्तित्व में आया, जब अंग्रेजों ने इस क्षेत्र में रेल लाइन के लिए सर्वे किया। 1900 के आसपास रेल लाइन बन जाने से यहां आबादी बढ़ने लगी। अब कोटद्वार एक नगर निगम है।

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