सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महिला और उसकी नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले के आरोपी उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। इलाज कराने के लिए प्रजापति ने अंतरिम जमानत की गुहार लगाई थी।जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की पीठ के समक्ष प्रजापति की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनन मिश्रा ने कहा कि इलाज के लिए उनके मुवक्किल को तीन महीने के लिए जमानत दी जाए। वहीं एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने प्रजापति की याचिका का विरोध किया।
दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद पीठ ने प्रजापति को किसी तरह से राहत देने से इनकार कर दिया। पीठ ने प्रजापति के वकील से कहा कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं।वकील दुर्गादत्त की माध्यम से दायर इस याचिका में कहा गया था कि प्रजापति कई बीमारियों से ग्रसित है और उचित इलाज की दरकार है। प्रजापति का कहना था कि लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में उसकी परेशानी का सही इलाज उपलब्ध नहीं है। लिहाजा उसे दिल्ली के एम्स या भैलौर में इलाजे कराने के लिए तीन महीने के लिए अंतरिम जमानत दी जाए। मालूम हो कि इससे पहले भी हाईकोर्ट ने चिकित्सकीय आधार पर प्रजापति को दो महीने के लिए अंतरिम जमानत दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले को दरकिनार कर दिया था।