देहरादून :सड़कों पर वाहनों की स्पीड जांचकर चालान काटने के लिए परिवहन विभाग ने 18 स्पीड रडार गन मंगाई। कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें कार्रवाई के लिए मुस्तैद भी कर दिया लेकिन प्रदेश में अभी तक सभी सड़कों पर वाहनों की गति सीमा तय ही नहीं है। परिवहन आयुक्त ने अब इसके लिए एआरटीओ प्रवर्तन को जिम्मेदारी सौंपी है।
सभी आरटीओ की ओर से पुलिस व लोक निर्माण विभाग के साथ मिलकर गति सीमा तय करने का काम किया जाएगा। परिवहन विभाग ने पिछले सप्ताह 18 स्पीड रडार गन का प्रशिक्षण देकर प्रदेश में सभी 18 टीमों को इन गन को सौंप दिया। उन्हें निर्देश दिए गए कि वह तेज गति से वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
टीमों ने कार्रवाई शुरू की तो उनके कदम ठिठक गए। दरअसल, प्रदेश के कई जिलों में आज तक गति सीमा ही तय नहीं हो पाई है। किस सड़क पर कितनी गति से अधिक चलाने पर वाहन का चालान काटा जा सकता है। मामला परिवहन विभाग तक पहुंचा तो उन्होंने निर्देश जारी कर दिए। परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी ने सभी आरटीओ को निर्देशित किया है कि वह सप्ताह में दो दिन स्पीड रडार गन से वाहनों की गति सीमा की जांच करें।
सड़कों पर गति सीमा से जुड़े बोर्ड भी लगेंगे
हालांकि उन्होंने एआरटीओ को यह जिम्मेदारी भी सौंप दी है कि वह सभी जगह से डाटा एकत्र करके नोटिफिकेशन के लिए उपलब्ध कराएं। अब सभी आरटीओ स्थानीय पुलिस और लोक निर्माण विभाग के साथ मिलकर अलग-अलग सड़कों पर वाहनों की गति सीमा तय करने में लगी हुई हैं। गति सीमा की रिपोर्ट आने के बाद परिवहन विभाग इसकी अधिसूचना के लिए आगे प्रेषित करेगा। इसके बाद सरकार इसकी अधिसूचना जिलावार और सड़कवार जारी करेगी।
परिवहन विभाग न केवल वाहनों की गति सीमा तय करेगा बल्कि सड़कों पर गति सीमा से जुड़े हुए बोर्ड भी लगाएगा। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, सड़क सुरक्षा के तहत यह जरूरी है कि वाहनों की गति सीमा का पता चालकों को भी हो। तभी वह निर्धारित सीमा में वाहन चलाएंगे।
वाहनों की गति सीमा पर काम किया जा रहा है। कुछ सड़कें ऐसी हैं, जहां गति सीमा तय नहीं है। इन सभी जगहों पर निर्धारण किया जा रहा है।
-सुधांशु गर्ग, प्रभारी, सड़क सुरक्षा समिति