शाकेब रिज़वी : प्रदेश में बढ़ रहे आंकडे अक्सर दिलों को रूला जाते है। क्या किसी ने सोचा होगा कि ऐसी भी इस संसार में स्थिति आएगी? लोगों के पास डिग्री होगी पर नौकरी नहीं। ऐसे भी साल की न कभी किसी ने कल्पना की होगी। इसका दर्द आज पूरा विश्व झेल रहा है किसी ने अपने बच्चें इस महामारी में खो दिए तो किसी ने अपने माता-पिता। अब तो बस हर किसी के दिल से बस एक ही पुकार निकलती हैं हाय! कोरोना जाना रे………
इसी शब्द को अगर हम पंक्तियों में पिरोए तो एक ऐसी गाथा बनकर तैयार होती है। जिसका कोई तौड़ नही है। चलिए बताते है आपको अपनी कविता के माध्यम से समय का क्या पहिया चल रहा हैं…….
हाय! कोरोना आया रे!
काल ये तो संग लाया रे
घर-घर लोग बैठे हैं
फिर भी डरे सहमें है।
बाबा वोल्का की भविष्यवाणी से
आधे लोग डरे सिमटे है।
उनके कथनों ने क्या कह दिया रे
2020 उथल- पुथल लायो रे
हाए! कोरोना आयो रे।
इसका न कोई इलाज रे
हाए! कोरोना आया रे
मौत का तांडव लाया रे
हाए! हाए कोरोना आये रे
अब इस ने हर जड़ी-बुटी को बुलाया रे
पर कोई इलाज न आया रे
हाए हाए! कोरोना आया रे
अब सब मुश्किल लाया रे
इस पंक्तियों ने शुरू के वो इतिहास का वर्णन किया है जो उस समय जब भारत में 30 जनवरी को कोरोना का पहला मामला केरला में निकला था। जिसपर पूरा भारत देश में एक डर का माहौल बन गया था। हर किसी की जुबान पर बस केवल एक ही नाम था “GO CORONA GO”
उस समय में आप सभी को याद होगा हम सभी ने 22 मार्च को कटोरी-थाली-चम्मच बजाकर कोरोना को सकेंत दिय था। कि हम जरूर जीतेगें और हम तैयार है कोरोना से लड़ने के लिए मानो उस समय ऐया प्रतीत हो रहा था। जैसे अपने भारत में बिगुल बज चुका है और समस्या का आगमन शुरू हो गया है। उस दिन लोगों ने अपने घरो पर रहकर जनता कफ्र्यू का पूरा पालन किया था। फिर उसके कुछ दिन बाद ही मोदी ने पूर्ण लाॅकडाउन की घोषणा का जिक्र किया। सारे लोगों ने जमकर कोरोना से लड़ने का पालन किया पर इस बीज लाखों लोग बेरोजगार हो गए लोगों ने जैसे -तैसे घर पहुंचने की सोची और कोई दिल्ली फंसा था तो कोई कही…….
काल की स्थिति थी जनाब
नहीं पता था कितना लंबा सफर है
मौत की घड़ी लगी थी जनाब
पर साया अभी छोटा है
धीरे-धीरे स्थिति इतनी खराब होती चली गई । आज स्थिति हमारे सामने है। असल में इसमें इंसानों का ही कसूर है। जो अपनी लापरवाही से बाज नहीं आ रहे है। कही भी बिना मास्क के घूम रहे है।
कोरोना के लक्षण
कोरोना से बचने के उपाय
-यात्रा के दौरान बीमार लोगों से संपर्क ना बढ़ाएं। अगर किसी को जुकाम, खासी, फीवर, नाक बहना जैसी दिक्कतें हैं तो ऐसे यात्रियों से दूरी बनाकर रखें।
जो लोग कोल्ड और फीवर जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं, सतर्कता बरतते हुए वे यात्रा करने से बचें। अगर यात्रा करनी ही पड़े मास्क पहनें और खाने-पीने से संबंधी सावधानियां जरूर बरतें।
– जो लोग खासतौर पर चीन की यात्रा पर जा रहे हैं उनके लिए किसी भी चीज को छूने या यूज करने के बाद साबुन से हाथ धोना जरूरी है। साथ ही सहयात्रियों के साथ खाना-पीना शेयर करने से बचें। खांसते या छींकते हुए मुंह पर रुमाल रखें। हैंड सेनिटाइजर का उपयोग करते रहें।
-ऐसा पैक्ड फूड या डिब्बा बंद फूड खाने से बचें जिसमें मीट या सी-फूड का इस्तेमाल किया गया हो। बेहतर होगा कि यात्रा के दौरान आप कुछ ड्राई और सेफ फूड अपने साथ कैरी करें। इनमें खाखरा, मीठी-नमकी भुजिया, सेव, वेज कूकीज जैसी चीजें शामिल हो सकती हैं।
– यात्रा के लिए निकलने से पहले पूरी नींद लें और खाली पेट किसी सफर के लिए ना निकलें। अगर यात्रा के दौरान आपको सर्दी, गले में दर्द, नाक बहना, खांसी जैसी समस्याएं होने लगें तो आप तुरंत क्रू मेंबर्स को इंफॉर्म करें।