संवाददाता : जैसा की कोरोना काल का सिलसिला बढ़ता जा रहा हैं। जिसके चलते आंकड़ो में लगातार इजाफा देखा जा रहा हैं। वैसे हम अगर स्कूल के बच्चों की पढ़ाई की बात करे तो स्कूल अपनी मनमानी करने से बाज़ नही आ रहे हैं । सारी पढ़ाई जब सोशल मीडिया से हो रही हैं। तो अभिभावकों से फीस किस बात की ली जा रही हैं। खैर अभी भी सरकारी स्कूल के अलावा ऐसे बहुत से बच्चे हैं। जिनके पास मोबाइल फ़ोन तक नही हैं वह कहा से पढ़ाई से जुड़े ।
हमारे मन में केवल एक सवाल उठता हैं वह हैं कि यदि बच्चा खुद माता-पिता से मोबाइल का रिचार्ज करवा रहा है । और हम सभी जानते हैं मोबाइल के नेट पैक भी कोई सस्ते तो उपलब्ध नही हैं। सारे डेटा 500-600 में 2 मंथ को मिलते हैं। इसके बावजूद बच्चे के माता-पिता को बोला जाता है कि स्कूल फीस लेकर आओ।
बता दे, की आजकल ऐसी बहुत सी खबरे आ रही हैं। जिसमे बोला जा रहा हैं। कि गरीब छात्रों को स्कूल गैजेट देगी। जिसमें एक अखबार में बताया गया है कि उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को निजी स्कूलों के साथ-साथ केंद्रीय विद्यालयों को भी ऑनलाइन कक्षा में शामिल होने के लिए अपने कम आय वर्ग एवम वंचित समूह के छात्रों को गैजेट जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, आईपैड दिया जाएगा। पर केवल कम वर्ग को ही क्यों क्या जनरल वर्ग के लिए कुछ नही केवल होना चाहिए…..
खैर आप समझ ही गए होंगे। कहने को विवाद उठ रहे हैं। लाखों लोग रो रहे हैं। पर क्या कोई उस बच्चे की दिल की सुनेगा जो रो रहा हैं। कि मेरे इस साल का क्या होगा?…