उत्तराखंडगढ़वालसम्पादकीय

SPECIAL पेशकश : मंत्रियों का बोलबाला चल पड़ा है, पर आला अधिकारी है नाराज

संवाददाताः आप सभी पाठको का ध्यान आज के चल रहे खास मामलों की तरफ ले जाना हमारा उदे्श्य हैं चाहे वो कोई भी पहलु क्यो न हो हमारा काम आप तक वह हर खबर को पंहुचाना हैै। हाल ही में मंत्री रेखा आर्य का मुददा बोल पड़ा है जिसमें मंत्रीगण तो सब साथ नजर आ रहे है पर आला अधिकारी नाराज दिख रहे है।

आपको बता दे मंत्री रेखा आर्य और आईएएस अधिकारी वी षणमुगम के बीच हुआ विवाद और बढ़ गया है। सीएम ने इस मामले की जांच के मुख्य सचिव को सौंप दी हैं। प्रमुख सचिव मनीषा पवार इस पूरे मामले की जांच करेंगी. लेकिन ऐसा लगता है कि महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्य को इस जांच पर ज्यादा यकीन नहीं है. एक आईएएस अधिकारी द्वारा दूसरे आईएएस अधिकारी की जांच को लेकर महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्य संदेह जता रही हैं. उनका कहना है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. रेखा आर्य का कहना है कि या तो कोई रिटायर जज इस मामले की जांच करें या कोई तीसरा पक्ष या एजेंसी से इसकी जांच हो. यही नहीं उनका साफ तौर पर कहना है कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाता है तो क्या उस पर कार्रवाई होगी? क्या अगर अधिकारी दोषी पाए जाते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी? महिला बाल विकास मंत्री का कहना है इस संबंध में उन्हें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी बुलाया है. लेकिन अधिकारियों द्वारा जो फाइल उन्हें दी गई है वो सिर्फ फोटो स्टेट है, ओरिजिनल उन्हें नहीं दी गई, तो क्या सीएम के पास वह इसी फोटो स्टेट फाइल को लेकर जाएंगी.

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री को राज्यमंत्री रेखा आर्य की ओर से महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक वी षणमुगम के खिलाफ पुलिस में तहरीर देना नागवार गुजरा है. गौरतलब है कि मंत्री रेखा आर्य ने महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में मानव संसाधन आपूर्ति के लिए आउट सोर्सिंग एजेंसी के चयन में गड़बड़झाले की शिकायत पर निदेशक वी षणमुगम को टेंडर प्रक्रिया के साथ ही कार्यादेश निरस्त करने के आदेश दिए थे. साथ ही टेंडर से संबंधित पत्रावली तलब की थी. दो दिन तक निदेशक वी षणमुगम का उनके साथ संपर्क नहीं हो पाया.

इसके बाद विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने वी षणमुगम की तलाश के लिए बीते मंगलवार को पुलिस को तहरीर दी थी. जब पुलिस उनके घर पहुंची तो आईएएस ​अधिकारी सकुशल मिले थे. उन्होंने पुलिस को बताया कि वह होम क्वॉरंटीन हैं. उधर, संपर्क करने पर महिला सशक्तीकरण व बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने कहा कि उक्त मामले की जांच में अगर विभागीय निदेशक की गलती मिलती है, तो क्या वह इस्तीफा देंगे? अगर वह स्वयं गलत साबित होती हैं, तो जनता जो दंड देगी, उसे भुगतने को तैयार हैं.

मंत्री और IAS की लड़ाई CR पर आई, समर्थन में भगत

वही अब ताजा जानकारी के मुताबिक मंत्री सतपाल महाराज भी मंत्री रेखा आर्य का ही समर्थन दे रहे है। बता दे, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने भी राज्यमंत्री रेखा आर्य का समर्थन किया हैै। एक दिन पहले ही कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों का सीआर मंत्रियों द्वारा लिखे जाने का मामला उठाया था। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भी अधिकारियों की सीआर मंत्रियों के द्वारा लिखे जाने को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से प्रदेश में मंत्रियों और अधिकारियों के बीच में वक्त वक्त पर तालमेल का अभाव नजर आ रहा है और मौजूदा वक्त में महिला बाल विकास मंत्री रेखा आर्य की उनके विभाग के सचिव और निदेशक के बीच तनातनी चल रही है। ऐसे में अब प्रदेश में सरकार के मंत्रियों के द्वारा अधिकारियों का सीआर लिखे जाने की भी मांग उठने लगी है। बंशीधर भगत ने कहा कि 4 दिन तक मंत्री का फोन अधिककारी के द्वारा न उठाया जाना भी सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर मामले में जरुरत पड़ी तो संगठन मुख्यमंत्री से बात करेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की सीआर मंत्रियों के लिखे जाने को लेकर बात की जा सकती है।

 

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