देहरादून। पुलिस में इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर और हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल की सेवा नियमावली में एक बार फिर बदलाव किया जा रहा है। इसमें क्षुद्र (छोटे) दंड के प्रविधान को समाप्त किया जा रहा है। इसके साथ ही जांच समाप्त होने के बाद लिफाफा खोलने के प्रविधान को शामिल किया जा रहा है। पुरानी नियमावली में यह प्रविधान नहीं है।
प्रदेश में इस समय विभिन्न विभागों में पदोन्नति प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इस कड़ी में पुलिस महकमें में भी कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक के कार्मिकों की पदोन्नति की जानी है। पदोन्नति प्रक्रिया शुरू होती कि इसमें एक पेच फंस गया। दरअसल, नियमावली में कई तरह के छोटे-छोटे दंड का प्रविधान है। इसमें यह देखने में आया कि सामान्य से दिखने वाले ये दंड पदोन्नति प्रक्रिया पर भारी पड़ रहे हैं। इसे लेकर पुलिस कर्मियों ने मुख्यालय में अपना प्रतिवेदन दिया। मुख्यालय ने इस पर सहमति जताते हुए इसमें संशोधन का प्रस्ताव शासन को भेजा। इसके अलाव इसमें एक अहम पहलू बंद लिफाफे को लेकर भी है। नियमावली में उल्लेख है कि विभागीय पदोन्नति में होने वाली डीपीसी के दौरान यदि किसी के खिलाफ जांच चल रही हो तो उसका लिफाफा बंद कर दिया जाएगा। इसमें यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि यह लिफाफा कब खुलेगा। इस पर भी पुलिस मुख्यालय ने शासन को संशोधन करने का अनुरोध किया। प्रस्ताव भेजा गया कि डीपीसी के बाद जांच पूरी होने पर लिफाफा खोलने की व्यवस्था की जाए। मुख्यालय के दोनों प्रस्तावों को शासन ने मान लिया है और अब इन्हें मंजूरी के लिए विधायी विभाग के पास भेजा गया है। इसके बाद इसे कैबिनेट में लाया जाएगा।