देहरादून – उत्तराखंड राज्य में बीती 2 अगस्त से कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खोले जा चुके हैं । लेकिन स्कूल खोले जाने के बावजूद स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है । इसकी मुख्य वजह है अभिभावकों में कोरोना का भय । जी हां कोरोना के डर से अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाह रहे हैं । ध्यान देने वाली बात यह है कि नैनीताल हाई कोर्ट में सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई ।
बीते दिन याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से जवाब मांगा है । आपको बता दें कि 18 अगस्त को सरकार को कोविड-19 महामारी में स्कूल खोले जाने को लेकर कोर्ट में जवाब देना हैं । इस विषय में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि कोर्ट में जिन मामलों पर जवाब मांगा है सरकार उनका जवाब कोर्ट में ही देगी इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि हाईकोर्ट का जो भी फैसला होगा सरकार उसका सम्मान करेगी ।इसके साथ ही शिक्षा मंत्री का कहना है कि कोरोना की संभावुत तीसरी लहर को देखते हुए सरकार स्कूल भी बंद कर सकती है । शिक्षा मंत्री का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा सरकार का मुख्य उद्देश्य है इसलिए संभावित तीसरी लहर को देखते हुए प्रदेश में सरकार स्कूल बंद कर सकती है ।