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सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी बोले, धीरे धीरे नियत्रंण में हो रहे हैं संक्रमण के हालात

Dehradun - In the Secretariat in Dehradun, recently, Secretary Health Amit Negi gave important information in the presence of Corona while addressing the journalists. Secretary Health said that the corona infection is being curbed to a great extent in the state. At the same time our recovery rate has reached 81 percent. We are now in a better position than before. He said that during the last one year many preparations have been made in the state. Health arrangements against Kovid have been further improved. In particular, unprecedented efforts have been made by the state government in the direction of production of oxygen. So far, 11 oxygen plants have been set up in the state. Plant will be functional soon in Bageshwar too. He said that on the request of the Chief Minister, the Government of India has approved the supply of oxygen at the local level in the state. Apart from this, the former supply capacity has been increased to 200 MT. Now from May 25, the state will supply oxygen from the plants of Uttarakhand. India Glycos will supply 40 MT from Kashipur, 100 MT from Linde Selakui, 33 MT from A Liquid and 27 MT from other units. Regarding black fungus, Secretary Dr. Pankaj Kumar Pandey said that the cases of black fungus are increasing continuously. The reason for this is that in AIIMS Rishikesh, patients from outside provinces like Punjab, Haryana etc. are also getting treatment for black fungus. There have been more than 100 cases here. He informed that 12 dedicated Kovid hospitals in the state have been authorized for the treatment of black fungus. So that medicine and other systems can be better managed. It is said that amphotericum B has been an important role in this treatment. According to the quota, the state received 170 lyphosomans of which 90 have been used, and out of 430 amphotericum, 261 have been used. Other institutions have also been ordered for adequate supply of these injections in the state so that there is no problem. In addition, he said that in addition to global tendering, more avenues are being sought for vaccine supply. Efforts are made to get vaccines in the state at the earliest and more and more people. On the other hand, Nodal Officer DIG Dr. Nilesh Bharan said that the government has issued a helpline 104 to help people suffering from mental depression. 109 counselors have been appointed to address such problems. In this, 25 to 50 calls are coming daily. Arrangements have also been made at AIIMS Hospital for the treatment of serious cases. Apart from this, treatment and awareness programs are also being conducted through online webinars and seminars.

देहरादून – देहरादून स्थित सचिवालय में हाल में सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कोरोना के मददेनजर अहम जानकारी दी । सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर काफी हद तक रोक लग रही है। वहीं हमारा रिकवरी रेट 81 प्रतिशत तक पहुच गया है।  अब हम पहले से बेहतर स्थिति में हैं।

उन्होंने कहा कि बीते एक वर्ष के दौरान प्रदेश में कई तैयारियां की गई हैं। कोविड के खिलाफ स्वास्थ्य इंतजामों को और दुरूस्त किया गया है। खासतौर पर आक्सीजन उत्पादन की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास प्रदेश सरकार ने किए हैं। प्रदेश में अभी तक 11 आक्सीजन प्लांट लग चुके हैं।बागेश्वर में भी जल्द प्लांटफंक्शनल हो जायेगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के अनुरोध पर भारत सरकार ने प्रदेश में आक्सीजन की आपूर्ति लोकल स्तर पर करने की स्वीकृति दे दी है। इसके अलावा पूर्व आपूर्ति क्षमता को बढ़ाकर 200 मैट्रिक टन कर दिया है। अब 25 मई से प्रदेश को उत्तराखण्ड के प्लांटों से ही आक्सीजन की आपूर्ति होगी। इंडिया ग्लाइकोस काशीपुर से 40 एमटी, लिंडे सेलाकुई से 100 एमटी, ए लिक्विट से 33 एमटी और इसके अलावा अन्य इकाइयों से 27 एमटी आक्सीजन की आपूर्ति होगी।

ब्लैक फंगस को लेकर सचिव  डा पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि ब्लैक फंगस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसका कारण यह भी है कि एम्स ऋषिकेश में पंजाब, हरियाणा आदि बाहरी प्रांतों के मरीज भी ब्लैक फंगस का उपचार करा रहे हैं। यहां 100 से अधिक केस हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 12 डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों को ब्लैक फंगस के उपचार के लिए अधिकृत किया गया है। ताकि दवा व अन्य व्यवस्थाओं का बेहतर प्रबंधन हो सके। कहा कि इस उपचार में एमफोटरिसम बी का अहम रोल रहा है। प्रदेश को कोटे के हिसाब से 170 लाइफोसोमन मिली थी जिसमें 90 का उपयोग किया जा चुका है, और 430 एमफोटरिसम में से 261 का उपयोग किया जा चुका है। प्रदेश में इन इंजेक्शनों की पर्याप्त आपूर्ति के लिए अन्य संस्थानों को भी आर्डर किया गया है ताकि किसी प्रकार की दिक्कत ना हो।साथ ही उन्होंने बताया कि वैक्सीन आपूर्ति के लिए ग्लोबल टेंडरिंग के अलावा और भी रास्ते तलाशे जा रहे हैं। कोशिश है कि प्रदेश में जल्दी से जल्दी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगे।

दूसरी ओर नोडल अफसर डीआईजी डॉ नीलेश भरणे ने बताया कि मानसिक अवसाद से गुजर रहे लोगों की मदद के लिए सरकार ने एक हैल्प लाइन 104 जारी किया है। इस तरह की समस्याओं के समाधान के लिए 109 काउंसलर नियुक्त किए गए हैं। इसमें रोजाना 25 से 50 काॅल्स रोज आ रही हैं। गंभीर मामलों के उपचार के लिए एम्स अस्पताल में भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा ऑनलाइन वेबिनार व सेमिनार के जरिए भी उपचार व जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

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