Site icon Uttarakhand News, News in Hindi

दिल्ली से राहत भरी खबर, खतरे के निशान से नीचे आया यमुना का जलस्तर

The water level of Yamuna fell below the danger mark in Delhi on Monday. However, the water level still remains at 204.80 meters, which is higher than the warning level (204.50). The Yamuna was flowing near the danger mark on Sunday, but on Monday morning, the water level dropped by 0.90 meters. The administration says that the teams are monitoring the situation for 24 hours. According to officials, the water level on the old railway bridge was recorded at 204.80 meters till 6 pm. Which is less than the danger mark of 205.33, but above the warning level. The water level till Sunday night was 205.20 meters, which has been decreasing continuously since 10 am on Monday. However, still residents living on the banks of the river are being requested not to allow any of their family members and cattle to go near the river. Civil Defense volunteers have also been deployed in the river's submerged area. . So that the situation can be closely monitored. On Monday afternoon, 14,088 cusecs of water has been released from Hathini Kund barrage. In general, the Hathnikund barrage has a flow rate of 352 cusecs, one cusec of water equivalent to 28.32 liters per second. In the year 2019, on August 18-19, the flow rate had reached 8.28 lakh cusecs and the water level of Yamuna crossed the danger mark of 205.33 meters and reached the mark of 206.60 meters. Due to this, the Delhi District Administration had started the work of taking the people living in the submerged areas of Yamuna in the capital to a safe place. These people have been accommodated in night shelters.

दिल्ली में सोमवार को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया। हालांकि, अभी भी पानी का स्तर 204.80 मीटर पर बना हुआ है, जो चेतावनी लेवल( 204.50) से अधिक है। रविवार को यमुना खतरे के निशान के लगभग करीब बह रही थी, लेकिन सोमवार सुबह पानी का स्तर में 0.90 मीटर की कमी दर्ज की गई।जल स्तर लगातार कम होने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा अब कम हुआ है। प्रशासन का कहना है की टीमें 24 घंटे स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, शाम 6 बजे तक पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 204.80 मीटर दर्ज किया गया। जो खतरे के निशान 205.33 से कम है, लेकिन चेतावनी लेवल से अधिक है।

रविवार रात तक जलस्तर 205.20 मीटर था, जिसमें सोमवार सुबह 10 बजे से लगातार कमी आ रही है। हालांकि, अभी भी नदी किनारे रहने वाले निवासियों से यह निवेदन किया जा रहा है कि वह अपने किसी भी परिवार के सदस्य को एवं मवेशियों को नदी के आसपास न जाने दे।नदी के डूब क्षेत्र में सिविल डिफेंस के वॉलिंटियरों को भी तैनात किया गया है। ताकि हालातों पर पूरी नजर रखी जा सके। हथिनी कुंड बैराज से सोमवार दोपहर को भी 14,088 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। सामान्य तौर पर, हथिनीकुंड बैराज में प्रवाह दर 352 क्यूसेक होती है,  एक क्यूसेक पानी 28.32 लीटर प्रति सेकेंड के बराबर होता है।

वर्ष 2019 में 18-19 अगस्त को प्रवाह दर 8.28 लाख क्यूसेक तक पहुंच गई थी और यमुना का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार करते हुए 206.60 मीटर के निशान पर पहुंच गया था।शुक्रवार को हथिनीकुंड बैराज से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली जिला प्रशासन ने राजधानी में यमुना के डूब क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम शुरू किया था। इन लोगों को रैन बसेरों में ठहराया गया है।

 

Exit mobile version