तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को सात माह पूरे होने पर शनिवार को भारतीय किसान यूनियन ने गवर्नरों को ज्ञापन देने से पहले विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली में किसान नेता युद्धवीर सिंह और देहरादून में गाजीपुर किसान आंदोलन कमेटी के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने प्रदर्शन किया।
किसानों को हिरासत में लेने पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भड़क गए। उन्होंने यूपी गेट पर मीडिया से कहा कि सरकार की कथनी और करनी में फर्क है। किसानों को रिहा न करने पर दिल्ली कूच करने की चेतावनी दी। शाम को किसानों के छूटने पर दिल्ली कूच का निर्णय वापस ले लिया। उधर, आंदोलन स्थल पर किसानों का कारवां फिर से बढ़ने लगा है।
भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि आंदोलन स्थल पर अब नजारा बदल रहा है। किसानों के ट्रैक्टरों की कतार सीमांत विहार तक पहुंच गई। इस बीच देशभर में गर्वनरों को ज्ञापन देने के कार्यक्रम हुआ। जहां दिल्ली में एलजी से मिलने गए किसानों के प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
देहरादून में जगतार सिंह बाजवा समेत अन्य किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस सूचना पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भड़क गए। उन्होंने तुरंत मीडिया से वार्ता कर सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह कैसा लोकतंत्र है, किसान अपनी बात कहने के लिए गर्वनरों को ज्ञापन भी नहीं दे सकते। उन्होंने किसानों को रिहा करने की एवज में दिल्ली कूच की चेतावनी दी।