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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए तत्काल लॉकडाउन लगाने वाली जनहित याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने पूछा, ’क्या लॉकडाउन ही एकमात्र समाधान है?’ कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन से जुड़े निर्देश नीतिगत फैसले के तहत आते हैं, जो संबंधित संस्थाएं ही ले सकती हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जालान की बेंच ने याचिका को ‘आधी-अधूरी’ और ‘अनावश्यक’ बताया। बेंच ने कहा कि याचिका बिना किसी पूर्व तैयारी के दायर की गई है और इसे अस्वीकार करने के साथ-साथ इसपर जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता डॉ. कौशल कांत मिश्रा की ओर से पेश वकील पूजा धर से बेंच ने पूछा कि वह याचिका वापस लेंगी या फिर अदालत इसे खारिज करने के साथ-साथ जुर्माना भी लगाए। मिश्रा की वकील ने याचिका वापस लेने पर सहमति जताई और उपयुक्त अधिकारियों के समक्ष इसे प्रस्तुत करने की इजाजत मांगी। अदालत ने ऐसी कोई मंजूरी देने से इनकार करते हुए कहा कि ‘‘याचिका वापस ली गई हुई मानते हुए इसे खारिज किया जाता है।’’
दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील गौतम नारायण ने बेंच को सूचित किया कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष निर्देश दिए हैं कि उसकी इजाजत के बगैर लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता को इस मामले में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाना होगा, क्योंकि उसकी सहमति के बिना दिल्ली सरकार लॉकडाउन नहीं लगा सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देश के 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 77 प्रतिशत नए मामले सामने आए हैं और 76 प्रतिशत नई मौतें हुई हैं और दिल्ली इसमें सबसे ऊपर है।
दिल्ली में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 6746 नए मामले सामने आए हैं, इसके साथ दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5.29 लाख से अधिक हो गई है, इसके अलावा पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण की वजह से 121 मरीजों की मौत हुई है, यह दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कारण एक दिन में मरने वालों की सबसे अधिक संख्या है, इसके साथ दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी की वजह से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 8391 हो गया है। दिल्ली सरकार के बुलेटिन के मुताबिक, अब तक 4,81,260 लोग ठीक होकर घर लौट चुके हैं. वहीं इस समय 40,212 एक्टिव केस है, इसके अलावा दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5,29,863 पहुंच गई है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार सहित 4 राज्यों को कोरोना केस में इजाफे को लेकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और असम सरकार से कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की अगले 48 घंटे में जानकारी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली में कोरोना वायरस की स्थिति खराब है। वहीं कोरोना की स्थिति को लेकर दिल्ली सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उन्होंने अस्पतालों में बेड बढ़ाने के अलावा अन्य कई इंतजाम किया है, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली सरकार विस्तार से बताए कि कोरोना वायरस के रोकथाम के उपाय तहत उन्होंने क्या-क्या काम किए हैं और इसके लिए एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें। बता दें कि दिल्ली में कोरोना की स्थिति की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से 13 नवंबर को बुलाई गई बैठक में नीति आयोग ने अनुमान पेश किया था। नीति आयोग ने कहा कि दिल्ली में प्रति 10 लाख पर 500 लोग कोविड के शिकार हो जाएंगे। अभी यह अनुपात प्रति 10 लाख 321 लोगों का है. आयोग ने कहा कि दिल्ली में त्योहारों के दौरान भीड़ जुटने, कोरोना से बचाव के नियमों का पालन नहीं करने, प्रदूषण का स्तर बढ़ने और ठंड बढ़ने के कारण स्थितियां और बिगड़ सकती हैं।