
ज्योति यादव,डोईवाला। सोमवार सुबह हुई अचानक तेज बारिश ने किसानों की परेशानियां बढ़ा दी है। प्रकृति की यह मार किसानों के लिए तबाही लेकर आई है। मौसम का मिजाज बदल गया था। कई जगह बारिश से फसलों को नुकसान हुआ। किसानों को उम्मीद थी कि फसल अच्छी होने पर मुनाफा होगा और लागत भी निकल आएगी, लेकिन प्रकृति के कोप ने उनकी कई महीनों की मेहनत पर ही नहीं, बल्कि उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है।
राज्य किसान सैनिक एकता मंच के पदाधिकारी दरपान बोरा द्वारा बताया गया की दूधली क्षेत्र, बुल्लावाला मारखम ग्रांट,रानीपोखरी, डोईवाला शिमलास ग्रांट, माधोवाला, खैरी व डोईवाला के आसपास तमाम क्षेत्र में गन्ने की फसल आज हुई तेज आंधी तूफान वह बारिश की वजह से गिरने से किसानों को बहुत बड़ी हानि हुई है।
क्षेत्र में अचानक मौसम ने करवट बदली धान की फसल भी गिर गई है कई किसानों के खेतों में कटाई का काम चल रहा है लेकिन आज हुई तेज बारिश से किसानों में मायूसी का माहौल देखा जा रहा है।
साथ ही कृषक फेडरेशन अध्यक्ष उमेद बोरा ने बताया कि किसानों को बारिश से धान की फसलों के साथ तेज़ हवाओं के कारण गन्ने की खडी फसलों को गिरने के कारण नुक़सान उठाना पड़ेगा अचानक मैसम के बदलाव के चलते किसानों के लिए आफ़त बनकर आयी बारिश एक ओर जंगली हाथियों जानवरों के आतंक से प्रभावित क्षेत्रों में न ही कोई उचित मुआवजा समय पर दिया जाता है न ही गन्ने की फसलों का बीमा किया जाता है एक ओर जंगली जानवरों के साथ बारिश का केहर झेलने को मजबूर हैं किसान गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित भी नहीं किया गया है सरकार द्वारा पिछले सालों से नहीं बढ़ा गन्ना मूल्य रबी फसलों के सीजन में गेहूं की फसल भी बारिश होने के कारण खराब हो गई थी।
राज्य किसान सैनिक एकता मंच के द्वारा सरकार से मांग कि गई की इस वर्ष गन्ने का मूल्य ₹600 प्रति क्विंटल हो।
जिससे किसानो की गिरी हुई फसल का कम होने के कारण उसको थोड़ी राहत मिल सके।
दूसरी मांग करते हुए राज्य किसान सैनिक एकता मंच उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड राज्य सरकार धान की फसल जो गिर गई है उसका मुआवजा जांच कर किसनो को राहत के तौर पर प्रति बीघा के हिसाब से ₹4000 बीघा मुआवजा दिया जाए।
जिससे किसानो का जो बैंक कर्जा है धान बोने में और गन्ने की फसल के लिए लिया गया है उसे किसान भाइयों को भी राहत मिल पाए।