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पुलिस कर्मियों का अब नहीं चलेगा कोई बहाना, मैदान में जमे कर्मियों को चढ़ना ही होगा पहाड़

देहरादून:उत्तराखंड के चार मैदानी जिलों में सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर अब एक बार में अधिकतम आठ साल तक ही तैनात रह पाएंगे। इसके बाद उन्हें हर सूरत में पहाड़ के जिलों में जाना पड़ेगा। इस फैसले से जुगाड़बाज सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टरों को झटका लगा है और उन्हें हर हाल में पहाड़ चढ़ना ही होगा। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित पुलिस स्टेब्लिशमेंट कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया।

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया है कि, चार मैदानी जिले देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल में दोनों संवर्गों में कुल तैनाती आठ साल से अधिक नहीं होगी।  जबकि  पहाड़ी जिले-टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत और पिथौरागढ़ में नियुक्ति की अवधि चार साल से अधिक नहीं होगी।

सभी संवर्गों में अब अनिवार्य रूप से होंगे तबादले 
अब तक पहाड़ी जिलों में सालों तक सब इंस्पेक्टर तैनात रहते थे, लेकिन चाहकर भी वे मैदान नहीं आ पाते थे। पुलिस में अब सभी संवर्गों में 31 मार्च तक अनिवार्य रूप से तबादले होंगे।

यह फैसला भी लिया गया कि हेड कांस्टेबल बारह साल तक एक ही जिले में रहेंगे। कांस्टेबल मैदानी जिलों में 16 साल से ज्यादा तैनात नहीं रह पाएंगे। पहाड़ी जिलों में क्रमश: छह और आठ साल तक एक बार तैनात रहेंगे।

प्रमुख फैसले
-प्रमोशन समय पर होंगे
-स्थानांतरण के लिए तीन विकल्प देने होंगे, जिनमें एक पहाड़ी जिला अनिवार्य रूप से होगा
-गैर जनपदीय शाखाओं (पुलिस मुख्यालय को छोड़कर) में पुलिस बल के कार्मिकों की नियुक्ति अवधि अधिकतम तीन साल रहेगी। विशेष परिस्थितियों में दो साल तक की छूट मिलेगी
-एक थाने और उसके अधीन पुलिस चौकियों में इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल तीन साल तक अधिकतम रहेगा
-सीपीयू, एंटी ड्रग्स टास्क फोर्स में तैनाती अवधि भी तीन साल रहेगी। विशेष परिस्थितियों में दो साल तक छूट मिलेगी
-रिटायरमेंट के दो साल पहले इच्छा के अनुसार, किन्हीं तीन जिलों या शाखाओं में तैनाती मिलेगी (गृह जिला तहसील और थाना छोड़कर)
-यदि किसी अफसर या कर्मचारी की चार मैदानी जिलों में नियुक्ति अवधि पूरी हो चुकी है तो इन जिलों में दोबारा तैनाती के लिए नौ पहाड़ी जिलों में निर्धारित  नियुक्ति अवधि पूरी होनी जरूरी है।
-सभी संवर्गों में हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल, जिनका गृह जिला पिथौरागढ़, बागेश्वर, चम्पावत, चमोली और रुद्रप्रयाग है, को रिक्तियों के सापेक्ष यथासम्भव उनकी इच्छानुसार उनके गृह जिलों में स्थानांतरित किया जा सकेगा, पर गृह जिले में नियुक्त कार्मिकों को उनकी गृह तहसील/गृह थाने में नियुक्ति नहीं मिल पाएगी
-45 साल से अधिक की आयु पूरी करने वाले हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल जिनका गृह जिला उत्तरकाशी, पौड़ी, टिहरी और अल्मोड़ा है, को रिक्तियों के सापेक्ष यथासम्भव उनकी इच्छानुसार उनके गृह जिले में तैनाती दी जाएगी
-यदि पति-पत्नी सरकारी सेवा में हों तो उन्हें यथासम्भव एक ही जिला/नगर में तैनात किया जाएगा

इन आदेशों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। जो अफसर इनके पालन में कोताही बरतेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
अशोक कुमार, डीजीपी-उत्तराखंड

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