गुजरात। संविधान दिवस के मौके पर आज पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। गुजरात के केवड़िया में पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना संबोधन दिया। इस मौके पर पीएम मोदी ने संविधान और कानून को लेकर अपने विचार रखे। इस दौरा उन्होंनें 26/11 मुंबई आतंकी हमले को याद करते हुए हमले में मारे गए जवानों को याद किया। उन्होंने देशवासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं भी दीं। केवड़िया में 80 वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के मान्य सत्र के समापन समारोह पर पीएम मोदी ने ये संबोधन दिया।
इस मौके पर पीएम मोदी ने संविधान को लेकर कहा कि हर नागरिक का आत्मसम्मान और आत्मविश्वास बढ़े, ये संविधान की भी अपेक्षा है और हमारा भी ये निरंतर प्रयास है। ये तभी संभव है जब हम सभी अपने कर्तव्यों को, अपने अधिकारों का स्रोत मानेंगे, अपने कर्तव्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा कि हमारे यहां बड़ी समस्या ये भी रही है कि संवैधानिक और कानूनी भाषा, उस व्यक्ति को समझने में मुश्किल होती है जिसके लिए वो कानून बना है। मुश्किल शब्द, लंबी-लंबी लाइनें, बड़े-बड़े पैराग्राफ, क्लॉज-सब क्लॉज, यानि जाने-अनजाने एक मुश्किल जाल बन जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे कानूनों की भाषा इतनी आसान होनी चाहिए कि सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी उसको समझ सके। हम भारत के लोगों ने ये संविधान खुद को दिया है। इसलिए इसके तहत लिए गए हर फैसले, हर कानून से सामान्य नागरिक सीधा कनेक्ट महसूस करे, ये सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि समय के साथ जो कानून अपना महत्व खो चुके हैं, उनको हटाने की प्रक्रिया भी आसान होनी चाहिए। बीते सालों में ऐसे सैकड़ों कानून हटाए जा चुके हैं।