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सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी पोस्ट की तो नहीं बनेगा पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस |

DGP ASHOK KUMAR UTTARAKHAND

देहरादून:सोशल मीडिया पर जाने-अनजाने में राष्ट्र विरोधी और असामाजिक टिप्पणी की तो भविष्य में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। पुलिस पासपोर्ट आवेदन और शस्त्र लाइसेंस में सत्यापन के समय सोशल मीडिया पर भी व्यक्ति का रिकॉर्ड खंगालकर रिपोर्ट लगाएगी। सत्यता पाए जाने पर आवेदन निरस्त भी किया जा सकता है। इससे पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस ही नहीं बल्कि नौकरी में आवेदन के समय भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया अभी तक सोशल मीडिया पर ऐसी टिप्पणी करने वालों के खिलाफ केवल आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता था। यदि कोई पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करता है तो उसके खिलाफ मुकदमों की जानकारी दी जाती थी। लेकिन, अब यह भी देखा जाएगा कि उसकी सोशल मीडिया पर किस तरह की गतिविधियां रहती थीं। यदि राष्ट्र विरोधी रहीं तो उसके खिलाफ निगेटिव रिपोर्ट लगाकर आवेदन रद्द कराने की संस्तुति की जा सकती है। इसके अलावा डीजीपी ने बताया कि पुलिस कॉन्फ्रेंस में पुलिस अधिकारियों को बहुत से दिशा-निर्देश दिए गए। इनमें एक अहम है वह यह कि अभी तक केवल थाना प्रभारियों के कार्यों की सीधी समीक्षा पुलिस कप्तान द्वारा की जाती थी। लेकिन, अब उन्हें चौकी प्रभारियों के कामों पर भी निगाह रखनी होगी। ताकि, यह देखा जा सके कि कहीं पीड़ित किसी दशा में परेशान तो नहीं है। क्योंकि, सबसे पहले पीड़ित निकटतम चौकी में ही जाता है। वहां पर उसे निराशा हाथ लगती है तो उसका भरोसा उठ जाता है।

साइबर फ्रॉड और ड्रग माफिया की संपत्ति जब्त होगी
डीजीपी ने बताया कि प्रदेश में अब साइबर फ्रॉड नई चुनौतियों के रूप में आया है। मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पुलिस इसके लिए जागरूकता अभियान भी चला रही है। लेकिन, अब जिन अपराधियों का नाम साइबर फ्रॉड में सामने आता है उनकी संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी। ताकि, यदि कोई इस तरह की गतिविधियों में शामिल होता है तो उसे सबक मिल सके। यही कार्रवाई पुलिस विभिन्न ड्रग माफिया के विरुद्ध भी करेगी।

नदियों और पहाड़ियों पर होंगे पुलिस बैरकों के नाम
पुलिस लाइन में स्थित बैरकों के सामने से अब नंबर हटाए जाएंगे। पुलिस बैरकों के नाम प्रदेश की नदियों और पहाड़ी चोटियों के नाम पर रखे जाएंगे। डीजीपी ने बताया कि ऐसा करने से उत्तराखंड पुलिस का अपने प्रदेश के साथ जुड़ाव और अधिक प्रगाढ़ करने में मदद मिलेगी।

चार ट्रैफिक थाने खोलने को सैद्धांतिक मंजूरी
प्रदेश में हाईवे किनारे अब चार ट्रैफिक थाने खोले जाएंगे। डीजीपी ने बताया कि पिछले दिनों यातायात की समस्याओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में निर्देश दिए थे। कहा था कि हर 60 किलोमीटर पर एक ट्रैफिक थाना होना चाहिए। इसके लिए अब हरिद्वार, देहरादून, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में ट्रैफिक थाने खोलने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है।

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