पंचकर्म व फार्मस्टि डिप्लोमाधारियों के साथ हो रहा खिलावाड़
ऊखीमठ। डिप्लोमाधारी आयुर्वेदिक फार्मस्टि एवं पंचकर्म सहायक संगठन की संयुक्त बैठक हुई। बैठक में संगठन का गठन करते हुए युवाओं को जिम्मेदारियां दी गई साथ ही कई प्रस्ताव पारित किये गये।
रविवार को लवीश राणा की अध्यक्षता में हुई डिप्लोमाधारी आयुर्वेदिक फार्मस्टि एवं पंचकर्म सहायक संगठन की संयुक्त बैठक में संगठन का गठन करते हुए अध्यक्ष सुदीप राणा, उपाध्यक्ष रोहित जमलोकी, सचिव गणेश वर्मा, सह सचिव अंकित राणा, कोषाध्यक्ष व संजय मनराल को बनाया गया। बैठक में संगठन के नवनियुक्त अध्यक्ष सुदीप राणा सहित सभी पदाधिकारियों ने कहा कि सभी डिप्लोमा धारी आयुर्वेदिक फार्मस्टि एवं पंचकर्म युवाओं ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है उनका निर्वहन निष्ठा, लगन व ईमानदारी से किया जायेगा। वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार जिले में संचालित संस्थानों का बन्द करने का फरमान जारी कर यहाँ के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है जबकि प्रदेश सरकार को प्रदेशभर में संचालित संस्थानों को बेहतर ढंग से संचालित करने के प्रयास करने चाहिए थे जिससे अन्य युवाओं को स्वरोजगार से जोडा जा सके। कहा कि यदि सरकार प्रदेशभर में संचालित संस्थानों को बन्द करने का फरमान वापस नहीं लेती है तो युवाओं को आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। सरकार संचालित हर्बल कम्पनियों में आयुर्वेदिक फार्मस्ट्टि की नियुक्ति करती है तो युवाओं के सन्मुख स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होगे। कहा कि प्रदेश सरकार हमेशा डिप्लोमा धारी आयुर्वेदिक फार्मस्टि एवं पंचकर्म के युवाओं के साथ हमेशा खिलवाड़ कर रही है जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। नवनिर्वाचित अध्यक्ष सुदीप राणा ने कहा कि सरकार आयुर्वेदिक बेरोजगार फार्मासिस्टों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। वर्तमान में प्रदेशभर में 21 आयुर्वेदिक कॉलेज संचालित हो रहे हैं। राणा ने कहा कि आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट कोर्स करने के बाद अपने को ठगा सा मसहूस कर रहे हैं। शासन इन युवाओं को ना तो लाइसेंस दे रही है और न ही रोजगार दे रही है। उन्होंने शासन से आयुर्वेद फार्मासिस्टों को लाइसेंस और रोजगार देने की मांग की। इस मौके पर पवन राणा, यदुवीर पंवार, दिनेश धिरवाण, कुलदीप पंवार, सुनील सिद्ध, रणजीत चौहान, प्ररेणा रावत, प्रियंका, कविता, पंकज मैठाणी, नवीन शैव, विपिन भटट्, विनोद राणा सहित कई युवा मौजूद थे।