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अमेरिका से रिश्ते सुधारना चाहता है पाकिस्तान

Recently, several Pakistani journalists disclosed on social media that US fighter jets had used Pakistan's airspace to bomb Taliban in Helmand province in the war against the government of Afghanistan in the first week of May. On request, US aircraft have been allowed to use Shamsi airport, which is 400 km from the Gwadar airport operated by China. After former President General Pervez Musharraf, the US intelligence agency CIA continued to use the Shamsi airbase until December 2011, reports the South China Morning Post. During that time, the Tehriki Taliban in the North Waziristan tribal areas were fighting Pakistani insurgents and its al-Qaeda allies. It was used in battle. The Pakistan government had asked the CIA to leave Shamsi Air Base in 2011 after 24 of its soldiers were killed in a US-led conflict on the Afghanistan border. More about this source textSource text required for additional translation information Send feedback Side panels

हाल में कई पाकिस्तानी पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर खुलासा किया था कि अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने मई के पहले हफ्ते में अफगानिस्तान सरकार के खिलाफ युद्ध में हेलमंड प्रांत में तालिबानियों पर बमबारी के लिए पाकिस्तान के एयरस्पेस का इस्तेमाल किया था।पत्रकारों ने कहा कि वाशिंगटन के अनुरोध पर अमेरिकी विमानों को शमसी एयरपोर्ट को इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई है, जो चीन द्वारा संचालित ग्वादर एयरपोर्ट से 400 किलोमीटर दूर है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए दिसंबर 2011 तक लगातार शमसी एयरबेस का इस्तेमाल करती रही।उस दौरान उत्तरी वजीरिस्तान जनजातीय क्षेत्रों में तहरीकी तालिबान पाकिस्तान के विद्रोहियों और उसके अलकायदा सहयोगियों से लड़ाई में उसका इस्तेमाल किया गया। पाकिस्तान सरकार ने 2011 में अफगानिस्तान सीमा पर अमेरिकी सेना के नेतृत्व में संघर्ष में अपने 24 सैनिकों के मारे जाने के बाद सीआईए को शमसी एयर बेस छोड़ने को कह दिया था

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