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आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का दून मेडिकल कॉलेज में हंगामा, ये रही वजह

Dehradun- The news is coming from Dehradun where the outsourcing staff in Doon Medical College has created a ruckus. At the same time, the main reason for the uproar is coming out that the employees who worked day and night without caring for their lives due to the second wave of Corona, those employees who served the patients were asked by Doon Hospital to go out after the end of the period. has said. Due to which the employees created a ruckus in the hospital, the employees say that during the Corona period, we served the patients by playing on our lives, but now the hospital administration is showing us the way out by showing insensitivity. The hospital staff says that in Corona, when everyone was sitting in their homes and protecting themselves, then they were serving the patients in the hospital who were corona infected. While threatening the hospital administration, the employees have said that if this decision is not withdrawn by the hospital administration, they will soon stage a strike in the OPD of the hospital. On the other hand, MS Dr KC Pant of the hospital says that in the second wave of Corona, employees were engaged in Z Security Institution, while instructions were given to keep the employees till advance orders, now on July 31, the work of the employees working in the hospital. Due to which the period is going to end, it has been decided to take Doon Hospital

देहरादून- खबर देहरादून से आ रही है जहां दून मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया है । वहीं हंगामे की मुख्य वजह निकल कर सामने आ रही है कि जिन कर्मचारियों ने कोरोना की दूसरी लहर के चलते अपनी जान की परवाह ना करते हुए दिन रात काम किया मरीजों की सेवा की उन कर्मचारियों को दून अस्पताल ने अवधि समाप्त होने के बाद बाहर जाने को कह दिया है ।

जिसके चलते कर्मचारियों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया कर्मचारियों का कहना है की कोरोना काल में हमने अपनी जान पर खेलकर मरीजों की सेवा की लेकिन न अब अस्पताल प्रशासन असंवेदनशीलता दिखाते हुए हमें बाहर का रास्ता दिखा रहा । अस्पताल कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना मे जब सब अपने घरों में बैठकर अपने को सुरक्षित कर रहे थे तब वे अस्पताल में उन मरीजों की सेवा कर रहे थे जो कोरोना संक्रमित थे । कर्मचारियों ने अस्पताल प्रशासन को धमकी देते हुए यह बात कही है कि अगर अस्पताल प्रशासन द्वारा यह निर्णय वापस नहीं लिया गया तो वे जल्द ही अस्पताल की ओपीडी में  अनशन कर धरना प्रदर्शन करेंगे ।

वहीं दूसरी ओर अस्पताल के एमएस डॉ केसी पंत का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर में जेड सिक्योरिटी संस्था में कर्मचारी लगे थे वहीं कर्मचारियों को अग्रिम आदेश तक रखने के लिए निर्देश दिए गए थे अब 31 जुलाई को अस्पताल में काम कर रहे कर्मचारियों के काम करने की अवधि समाप्त होने जा रही है जिसके चलते दून अस्पताल ले यह फैसला लिया है ।

 

 

 

 

 

 

 

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