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अब आधार से भी लिंक होंगे,चारधाम यात्रा के इ-पास सरकार ने लिए बड़े फेसले

देहरादून :चारधाम यात्रा के लिए जारी होने वाले ई-पास अब आधार कार्ड से भी लिंक होंगे। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड यह व्यवस्था करने जा रहा है। इसमें यात्रियों के लिए ई-पास निरस्त कराने का विकल्प भी खुला रहेगा,हालिया दिनों में शुरू बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए ई-पास अनिवार्य किया गया है,यात्रा शुरू होने पर देशभर के श्रद्धालुओं ने उत्साह दिखाया और बड़ी संख्या में ई-पास के लिए आवेदन किया। बोर्ड ने 15 अक्टूबर तक के लिए ई-पास जारी भी कर दिए, लेकिन चारों धामों में तय संख्या से कम श्रद्धालु ही पहुंच रहे हैं। कारणों की पड़ताल की गई तो बात सामने आई कि शुरुआती दौर में बिना प्लानिंग के ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने ई-पास तो बुक कराए, लेकिन तय तिथियों के हिसाब से उन्हें फ्लाइट अथवा रेल के टिकट उपलब्ध नहीं हो पाए जिसके चलते कुछ लोगो ने अपनी बुकिंग भी निरस्त नहीं कराई। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने एक साथ बुकिंग तो कराई, मगर वे न तो तय तिथि पर पहुंचे और न ई-पास निरस्त कराया। ऐसे में अन्य यात्रियों को भी ई-पास जारी नहीं किए जा सके।
दरअसल, अब तक देवस्थानम बोर्ड के साफ्टवेयर में ई-पास निरस्त कराने का विकल्प भी नहीं था। इस बीच हालिया दिनों में यात्रा पड़ावों पर फर्जी ई-पास के मामले भी सामने आए थे। इस सबको देखते हुए अब देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड नई व्यवस्था करने जा रहा है। मंडलायुक्त एवं बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन के अनुसार ई-पास को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। इसके साथ ही ई-पास निरस्त करने का विकल्प देने के लिए साफ्टवेयर में बदलाव किए जा रहे हैं। दो-तीन दिन में यह व्यवस्था कर दी जाएगी।
अब 15 अक्टूबर के बाद खुलेगी बुकिंग,चारधाम यात्रा के लिए 15 अक्टूबर तक के लिए ई-पास की बुकिंग हो चुकी है। इसे देखते हुए बोर्ड ने तय किया है कि 15 अक्टूबर के बाद पांच-सात दिन के अंतराल में बुकिंग खोली जाएगी। नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उत्तराखंड शासन के धर्मस्व विभाग ने चारधाम यात्रा 2021 के लिए तीर्थ यात्रियों की संख्या निर्धारित की है। इसके संबंध में धर्मस्व एवं तीर्थाटन सचिव हरिचंद्र सेमवाल और अनुसचिव प्रेम सिंह राणा ने नया आदेश जारी किया है।आदेश के अनुसार जो पंजीकृत तीर्थयात्री निर्धारित तिथि को उत्तराखंड चारधाम नहीं पहुंच रहे हैं, उनके स्थान पर अन्य पंजीकृत तीर्थयात्री चारधामों में दर्शन को जा सकेंगे। एसओपी के अनुसार श्री बदरीनाथ धाम हेतु के लिए 1000, श्री केदारनाथ के लिए 800, श्री गंगोत्री के लिए 600 और श्री यमुनोत्री के लिए 400 तीर्थयात्री प्रतिदिन चारों धाम पहुंच सकते हैं।नए आदेश के अनुसार जो पंजीकृत तीर्थयात्री निर्धारित तिथि को उत्तराखंड चारधाम नहीं पहुंच रहे हैं उनके स्थान पर अन्य पंजीकृत तीर्थयात्री चारधामों में दर्शन को जा सकेंगे।

रिपोर्ट संध्या कौशल।

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