नई दिल्ली। दिल्ली के प्रमुख बाजारों में लॉकडाउन लगने की अटकलों के बीच डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि व्यापारियों और दुकानदारों को डरने की जरुरत नहीं है। ऐसा कुछ होने नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि आपकी दुकानें खुली रहें। यदि जरूरत पड़ी तो कुछ बाजारों में नियमों में सख्ती बरती जा सकती है, लेकिन यह किसी प्रकार का लॉकडाउन नहीं होगा।समाचार एएनआइ से बातचीत करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार का लॉकडाउन लगाने का कोई इरादा नहीं है। हमारा मानना है कि लॉकडाउन COVID19 के खिलाफ लड़ाई में समाधान नहीं है। समाधान अस्पताल प्रबंधन और बेहतर चिकित्सा प्रणाली है। दिल्ली सरकार ने चिकित्सा प्रणाली को अच्छी तरह से मजबूत किया है।
वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी स्पष्ट किया है कि दिल्ली में लॉकडाउन नहीं लगने वाला है। उन्होंने कहा कि जरुरत पड़ने पर कुछ भीड़भाड़ वाली जगहों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोरोना के मामले को रोकने के लिए जांच की संख्या और बढ़ाई जाएगी।छठ पूजा पर प्रतिबंध के मामले पर उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा के लिए इजाजत देने से कोरोना संक्रमण और बढ़ने का खतरा था। पूजा के लिए लोग बड़ी संख्या में घाटों पर आते हैं इसलिए सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगाया है।
दरअसल, त्योहार के समय बाजारों में उमड़ी भीड़ के बीच कोरोना से बचाव के दिशानिर्देशों की अनदेखी के कारण दिल्ली में संक्रमण तेजी से फैला है। भविष्य में यदि स्थिति नहीं सुधरी तो कुछ बाजारों में शटडाउन (दुकानों को बंद करना) लागू किया जा सकता है। दिल्ली सरकार इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज रही है।
शादी समारोहों में सिर्फ 50 लोग हो सकेंगे शामिल
दिल्ली में अब शादी समारोहों में 200 की जगह सिर्फ 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे। दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास प्रस्ताव भेज दिया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मंगलवार को डिजिटल प्रेसवार्ता कर कहा कि त्योहार के समय कुछ बाजारों में अधिकतर लोग बिना मास्क लगाए घूम रहे थे और शारीरिक दूरी का पालन भी नहीं कर रहे थे। इससे संक्रमण तेजी से फैला है। जरूरत पड़ने पर छोटे स्तर पर शटडाउन लागू करने का प्रस्ताव बनाकर मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जा रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि दीवाली बीत जाने के बाद बाजारों में भीड़ होने की संभावना नहीं है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर शटडाउन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बता दें कि पिछले दिनों केंद्र ने कहा था कि स्थानीय हालात को देखते हुए प्रदेश सरकार निर्णय ले सकती है।