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आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच बातचीत विफल

दिल्ली। कृषि कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसानों से तीसरे दौर की बातचीत का कोई हल नहीं निकला। अब 3 दिसंबर को फिर से सरकार और किसान संगठनों के बीच बात होगी। इस बीच किसानों ने एलान कर दिया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक आंदोलन चलेगा। किसानों से चर्चा के दौरान सरकार ने कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए समिति बनाने का सुझाव रखा, लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। किसानों और सरकार के बीच आज की बातचीत बेनतीजा रही। दोनों पक्षों के बीच अगली बैठक गुरुवार को होगी।
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई प्रदेशों के किसान दिल्ली कूच की तैयारी में है। इस वजह से दिल्ली के बॉर्डर बंद कर दिए गए हैं। बॉर्डर बंद होने के कारण लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। जो बॉर्डर खुले हैं, वहां घंटों जाम लग रहा है। कोई पैदल तो कोई घंटों जाम में फंसकर यात्रा करने के लिए मजबूर है।
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के 30 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ तीन केंद्रीय मंत्रियों ने बातचीत की शुरुआत की। किसान इन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच किसानों का प्रदर्शन और जोर पकड़ने लगा है। पंजाब राज्य से कई और किसान और हरियाणा से खाप आंदोलन के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। किसानों ने कहा है कि मांग पूरी होने तक वे प्रदर्शन जारी रखेंगे। सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मंगलवार सुबह मुलाकात की। कृषि कानूनों के खिलाफ ये किसान दिल्ली में मोर्चा डाले हुए हैं।समझा जाता है कि किसानों के साथ तीसरे राउंड की बातचीत में सरकार नए कृषि कानून के बारे में जानकारी के साथ इस बात का आश्वासन दे सकती है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी डैच् को खत्म नहीं किया जाएगा।
किसानों को दिल्ली आने से रोकने की कोशिश करने में हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने भारी-भरकम तरीकों का इस्तेमाल किया था। खट्टर के आदेश पर पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले बरसाए और कई जगहों पर उनपर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। यहां तक कि पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश में हाईवे तक खोदकर रख दिया था।
कृषि कानूनों के मामले में केंद्र में बीजेपी पहले ही अपने सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल के साथ को खो चुकी है। सोमवार को ही राजस्थान से उसके एक सहयोगी सांसद हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी से अपना रिश्ता खत्म करने की धमकी दी थी। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर से लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। दिल्ली-हरियाणा सीमा के सिंघु बॉर्डर पर लगातार छठवें दिन किसानों की नाकेबंदी कायम है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने बुधवार के लिए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। इसके मुताबिक, नोएडा लिंक रोड पर स्थित चिल्ला बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। यहां पर गौतम बुद्ध द्वार के पास किसानों का जमावड़ा है। लोगों से अपील की गई है कि वह नोएडा लिंक रोड की बजाए नोएडा जाने के लिए एनएच-24 और डीएनडी का इस्तेमाल करे। लामपुर, औचंडी समेत कई छोटे बॉर्डर को भी बंद कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि किसानों के आंदोलन के चलते जिन बॉर्डर को बंद किया गया है, उसके अलावा अन्य रूट से आवागमन करें। सिंधु बॉर्डर के ट्रैफिक को मुकरबा चौके और जीटीके रोड की ओर डायवर्ट किया गया है। भीषण ठंड के बावजूद किसान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे आंदोलन के लिए भी तैयार दिख रहे हैं। किसान अपने साथ ट्रैक्टर-ट्रालियों में राशन के अलावा, कपड़े-साबुन लाने के साथ एंबुलेंस और डॉक्टर का भी इंतजाम कर रखा है।पंजाब के कपूरथला जिले के किसानों का एक समूह अपने साथ एंबुलेंस, एक डॉक्टर और दवाओं का पूरा कार्टन लेकर आया है, ताकि ठंड के दौरान किसी भी किसान को कोई दिक्कत पेश आए तो तुरंत इलाज किया जा सके।

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