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अशासकीय महाविद्यालयों की अनुदान राशि रोकने पर आंदोलन होगा तेज

घनसाली। राज्य के 18 अशासकीय महाविद्यालयों की अनुदान राशि रोके जाने के विरोध में एनएसयूआई ने ज्ञापन देकर विरोध जताया। उत्तराखंड के 18 अशासकीय-महाविद्यालयों को 100 करोड़ रुपए की दी जाने वाली अनुदान राशि बन्द करने तथा छात्र छात्राओं के द्वारा संचायिका के माध्यम से कालेजों में जमा धनराशि का 50 प्रतिशत हिस्सा उच्च शिक्षा निदेशालय को देने के आदेश के विरोध में उत्तराखंड राज्य के विभिन्न छात्र संगठनों में भारी रोष है।
राज्य सरकार के इस निर्णय के विरोध में एनएसयूआई के छात्रों के द्वारा तहसील घनसाली में एकत्रित होकर विरोध जताया। एनएसयूआई के प्रांतीय सचिव नित्यानंद कोठियाल के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी घनसाली टिहरी गढ़वाल के माध्यम से उच्च शिक्षामंत्री डॉ. धन सिंह रावत को ज्ञापन प्रेषित किया गया। ज्ञापन में कहा गया कि राज्य सरकार जहां पलायन रोकने की बात करती है वहीं दूसरी ओर अशासकीय महाविद्यालयों की अनुदान राशि रोककर बड़ी संख्या में अशासकीय महाविद्यालयों के अध्यापकों एवं कर्मचारियों को बेरोजगार करने पर तुली हुई है। ज्ञापन में सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा गया है कि, भिलंगना विकास खंड ही नहीं विधानसभा क्षेत्र में उच्च शिक्षा संस्थानों अभाव है। एक मात्र उच्च शिक्षण संस्थान बालगंगा महाविद्यालय को जनता ने कड़े संघर्षों से महाविद्यालय के मानक पूरे कर महाविद्यालय की स्थापना की है। तब जाकर सरकार के द्वारा अनुदान प्राप्त हुआ। परंतु खेद है कि सरकार के द्वारा महाविद्यालय की अनुदान राशि रोके जाने का गैरजरूरी फैसला लिया गया है । जो कि सरासर ग़लत है।जिससे बालगंगा महाविद्यालय सेदुल केमर बंद होने के कगार पर है। यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेगी तो राज्य के दूरदराज क्षेत्र के इस महाविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करने वाले, असहाय एवं निर्धन छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा के लाभ से वंचित हो जाएंगे।
मांग की गई है कि छात्र छात्राओं के द्वारा संचायिका के माध्यम से जो धनराशि महाविद्यालय में जमा की जाती है उसका उपयोग विद्यालय के हित में खर्च किया जाता है और महाविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात छात्र-छात्राओं की उक्त धनराशि उन्हें वापस मिलती है। परंतु सरकार ने संचायिका से जमा होने वाली धनराशि का 50 प्रतिशत उच्च शिक्षा निदेशालय को भेजे जाने का जो आदेश पारित किया है उससे छात्र-छात्राओं में खासी नाराजगी है। सरकार यदि अपना निर्णय वापस नहीं लेगी तो एनएसयूआई पूरे प्रांत में इसके विरोध कर सड़कों पर आंदोलन के लिए उतरेगी। ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में अक्षित रावत, शुभम नेगी , सूर्य सेमवाल, रजित, विमल, संदीप आदि शामिल हैं।

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