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आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने केन्द्र से की इस अहम चीज की मांग , जनता को मिलेगी राहत

Dehradun - Minister of State for Disaster Management, Dr. Dhan Singh Rawat met Union Minister of State for Home Nityanand Rai in Delhi and handed over a five-point demand letter in the midst of divine calamities in the state. In view of the different geographical conditions of Uttarakhand, there is a demand to provide two air ambulances, to establish a disaster management research institute in summer capital Gairsain, to increase the mitigation fund and state disaster response fund for the rehabilitation of the most vulnerable villages of the state. In a statement issued to the media after meeting the Union Minister of State for Home Affairs, Dr. Dhan Singh Rawat said that Uttarakhand is very vulnerable to various calamities. Especially in mountainous areas, there is a possibility of loss of life and property due to the occurrence of landslides, excessive rainfall, avalanches and cloudbursts and floods in the plains and rising water level of rivers. To deal with this, two air ambulances have been demanded from the central government. By getting air ambulance to the state, while on one hand the loss of life will be reduced, on the other hand, time will be saved in relief and rescue operations. With the establishment of Disaster Management Research Institute in summer capital Gairsain to deal with various disasters in view of the odd geographical conditions of the state, new technologies will be developed to deal with the challenges of the future by doing detailed study on the disaster coming in the state. The benefit of which will also be available to other disaster prone states across the country. Apart from this, a demand has been made to increase the central fund and relief amount for the rehabilitation of villages in the most sensitive and sensitive areas of the state. This will increase the availability of resources for relief and rescue operations as well as speed up the rehabilitation of disaster-hit villages. Dr. Rawat said that due to the complexity of the rules in declaring missing people dead and issuing death certificates, it takes a lot of time due to various calamities in the state. In view of this, a demand has been made to relax the said norms. On which Union Minister of State for Home Nityanand Rai, taking a positive stand, assured to take action on the five demands of the state on priority basis. National Disaster Management Authority member Rajendra Singh was also present during the meeting. During this, Dr. Rawat also invited the Union Minister of State for Home, Mr. Rai, to come to Uttarakhand when the situation of Kovid becomes normal.

देहरादून – सूबे के आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने दिल्ली में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात कर राज्य में दैवीय आपदाओं के मध्यनजर पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। जिसमें उत्तराखण्ड की विभिन्न भौगोलिक परिस्थितयों को देखते हुए दो एयर एम्बुलेंस उपलब्ध कराने, ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आपदा प्रबंधन शोध संस्थान की स्थापना करने, राज्य के अति संवेदनशील गांवों के पुनर्वास हेतु मिटिगेशन फंड एवं राज्य आपदा मोचन निधि बढ़ाने की मांग शामिल है।

केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री से मुलाकात करने के उपरांत मीडिया को जारी एक बयान में डा. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड विभिन्न आपदाओं की दृष्टि से काफी संवेदनशील है। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में भू-स्खलन, अतिवृष्टि, हिम स्खलन एवं बादल फटने की घटनाएं  तथा मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ आने तथा नदियों का जलस्तर बढ़ने से जन-धन हानि की आशंका बनी रहती है। जिससे निपटने के लिए केन्द्र सरकार से दो एयर एम्बुलेंस की मांग की गई है। राज्य को एयर एम्बुलेंस मिलने से जहां एक ओर जनहानि को कम किया जा सकेगा वही दूसरी ओर राहत एवं बचाव कार्यों में समय की बचत हो सकेगी। राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के मध्यनजर विभिन्न आपदाओं से निपटने के लिए ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आपदा प्रबंधन शोध संस्थान की स्थापना से राज्य में आने वाली आपदा पर विस्तृत अध्ययन कर भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए नई तकनीकों का विकास हो सकेगा। जिसका लाभ देशभर में अन्य आपदा संभावित राज्यों को भी मिल सकेगा। इसके अलावा राज्य के अतिसंवदेनशील एवं संवेदनशील क्षेत्रों के गांवों के पुनर्वास के लिए केन्द्रीय निधि एवं राहत राशि बढ़ाने की मांग की गई है। जिससे राहत एवं बचाव कार्यों हेतु संसाधनों की उपलब्धता बढ़ाने के साथ ही आपदाग्रस्त गांवों के पुनर्वास में तेजी आयेगी। डा. रावत ने कहा कि राज्य में आने वाली विभिन्न आपदाओं में लापता लोगों को मृतक घोषित करने एवं मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने में नियमों की जटिलता के कारण काफी समय लग जाता है। जिसको देखते हुए उक्त मानकों में शिथिलता प्रदान करने की मांग की गई है। जिस पर केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सकारात्मक रूख अपनाते हुए राज्य की पांचों मांगों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाही करने का आश्वासन दिया। मुलाकात के दौरान नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट आथौरिटी के सदस्य राजेन्द्र सिंह भी मौजूद रहे। इस दौरान डा. रावत ने केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री राय को कोविड की स्थिति सामान्य होने पर उत्तराखंड आने का न्योता भी दिया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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